UPSC Success Story: क्या आपको मालूम है कि भारत की वो पहली महिला कौन थीं, जो दुनिया के सबसे कठिन एग्जाम यूपीएससी को क्रैक कर आईएएस ऑफिसर बनीं. आइए आज आपको उनसे मिलवाते हैं.
अन्ना राजम मल्होत्रा
UPSC Exam: दुनिया के कठिन एग्जाम की जब भी बात आती है, तो यूपीएससी एग्जाम का जिक्र जरूर होता है. तीन स्तर पर होने वाले इस एग्जाम को क्रैक करना कितना कठिन है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर साल लाखों उम्मीदवार एग्जाम में बैठते हैं. लेकिन सेलेक्शन सिर्फ कुछ सौ लोगों का ही सेलेक्शन होता है. हालांकि, इसके बाद भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो UPSC Exam पहले ही प्रयास में क्रैक भी कर लेते हैं.
सत्येंद्र नाथ टैगोर यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले पहले भारतीय पुरुष थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली पहली भारतीय महिला कौन थी? दरअसल, उनका नाम अन्ना राजम मल्होत्रा है. आइए आज आपको देश की पहली महिला आईएएस ऑफिसर के बारे में बताते हैं.
कौन हैं अन्ना राजम मल्होत्रा?
अन्ना राजम UPSC Exam पास करने वाली पहली भारतीय महिला थीं. 1947 में भारत की आजादी के बाद वह देश की पहली महिला अधिकारी के तौर पर नियुक्त की गईं. उन्होंने 1951 से 2018 तक मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में तत्कालीन सीएम सी राजगोपालाचारी के अधीन अपनी सेवाएं दीं. मल्होत्रा का करियर काफी लंबा और सफल रहा है. उन्होंने अपने करियर में कई सारे प्रोजेक्ट्स पर काम किया. उन्होंने 1982 में हुए एशियन गेम्स को लेकर बनी स्पेशल टीम में भी काम किया था.
अगर उनके यूपीएससी सफर की बात करें, तो 1951 में उन्होंने 27 साल उम्र में सिविल सर्विस एग्जाम को क्रैक किया. इसके बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. इंटरव्यू पैनल ने उन्हें फॉरेन सर्विस या सेंट्रल सर्विस में शामिल होने की सलाह दी. इसके पीछे की वजह ये थी कि ये सर्विस महिलाओं के लिए ज्यादा बेहतर मानी जाती थी. हालांकि, उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया और जमीन से जुड़कर काम करने को तरजीह दी. इस तरह वह सिविल सर्विस के मद्रास कैडर में शामिल हुईं.
अप्वाइंटमेंट लेटर पर लिखीं नौकरी छोड़ने की बात
इंटरव्यू में जो हुआ, वो तो बस अन्ना राजम मल्होत्रा के जीवन में आने वाली शुरुआती कठिनाइयां थीं. आगे उन्हें कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. उनके अप्वाइंटमेंट लेटर में ये भी लिखा गया कि शादी के बाद उन्हें अपी सर्विस छोड़नी होगी. हालांकि, बाद में इस नियम को बदल दिया गया. दूसरी ओर, तत्कालीन सीएम सी राजगोपालाचारी भी उन्हें डिस्ट्रिक्ट सब-कलेक्टर के रूप में नामित करने में संकोच कर रहे थे. राजगोपालाचारी को लगता था कि महिलाओं को सिविल सर्विस में काम नहीं करना चाहिए.
हालांकि, उन्होंने अपनी सर्विस के दौरान अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, स्किल और नॉलेज के जरिए उन्होंने हर कदम पर कामयाबी हासिल की. अन्ना राजम मल्होत्रा बाद में होसुर जिले की पहली महिला डिस्ट्रिक्ट सब-कलेक्टर बनीं. बाद में उन्होंने वाशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया.