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8 बार फेल होने के बाद भी वैभव ने नहीं मानी हार, बैकबेंचर से बने IES ऑफिसर

IES Vaibhav Chhabra Success
Written by Rakesh Kumar

दिल्ली के रहने वाले IES Vaibhav Chhabra एक मध्यमवर्गीय परिवार से नाता रखते हैं. वह शुरू से बैकबेंचर छात्र रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपना बीटेक भी 5 साल में पूरा किया था.

IES Vaibhav Chhabra Success

यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे कठीन परीक्षा है और इसे क्रैक करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ-साथ धैर्य रखना बहुत जरूरी है. कई छात्र ऐसे होते हैं, जो एक बार इस परीक्षा में असफलता पाते ही निराश होकर तैयारी छोड़ देते है. ऐसे में एक नाम वैभव छाबड़ा का सामने आता है, जिन्होंने लगतार सफलता पाते हुए भी हिम्मत नहीं हारी. UPSC परीक्षा में साल 2018 में  32वीं रैंक हासिल करने वाले वैभव की सफलता की कहानी काफी रोचक है.

दिल्ली के रहने वाले वैभव छाबड़ा एक मध्यमवर्गीय परिवार से नाता रखते हैं. वैभव बताते हैं कि उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से पूरी की थी, लेकिन पढ़ाई में उनका मन कतई नहीं लगता था. वह शुरू से बैकबेंचर छात्र रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपना बीटेक भी 5 साल में पूरा किया था और उन्हें 56% अंक प्राप्त हुए थे.

बीटेक पूरा करने के बाद वह एक कोचिंग संस्थान में बतौर फिजिक्स टीचर पढ़ाने लगे. इस दौरान उन्हें लगा कि  वे इससे भी अच्छा कार्य कर सकते हैं. उनके मन में पहली बार UPSC करने का ख्याल आया. टीचिंग का काम छाड़कर वैभव ने IAS की तैयारी शुरू कर दी.

यूपीएससी की तैयारी  Vaibhav Chhabra

यूपीएससी की तैयारी में भी वैभव का मन नहीं लगा. वैभव छाबड़ा 8 बार असफल हुए. उन्होंने कभी भी अपने भीतर नकारात्मकता को ठहरने ही नहीं दिया. इस बीच उनके साथ एक दुर्घटना हो गई. इस दुर्घटना में इनकी पीठ में काफी चोट आने के कारण डॉक्टर ने बेड रेस्ट करने के लिए कहा. इस मुश्किल समय में भी वैभव ने अपनी पढ़ाई को बंद नहीं किया.

वैभव की हार ना मानने की जिद्द का परिणाम यह हुआ कि अंततः उनको उनकी मंजिल मिल गई. वर्ष 2018 में वैभव को आईईएस में 32वीं रैंक के रूप में सफलता प्राप्त हुई. वैभव कहते हैं कि, खुद का मनोबल कभी टूटने ना दें और मंजिल को पाने के लिए लड़ते रहें.

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Rakesh Kumar