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Success Story: 5 किमी पैदल चलकर जाते थे स्कूल, कर्ज के पैसे से की पढ़ाई, किसान का बेटा ऐसे बना IAS

Success Story:
Written by Rakesh Kumar

IAS Success Story: किसान के बेटे वीर प्रताप सिंह राघव ने बचपन से ही गरीबी का अनुभव किया था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र रहे IAS वीर रोजाना 10 किमी का सफर तय करके स्कूल जाते थे.

Success Story of IAS Officer

यूपीएससी जैसी परीक्षा को क्रैक करने वाले कैंडिडेट्स की कहानी काफी प्रेरणादयक होती है. जहां इस परीक्षा की तैयारी के लिए लोगों को लाखों रुपये खर्च करते देखा जाता है. वहीं IAS Officer वीर प्रताप राघव का नाम सामने आता है जिन्होंने लोन लेकर UPSC की तैयारी की. उनकी मेहनत रंग लाई और वो आईएएस बन गए.

केवल वही लोग अपने प्रयासों में सफल होते हैं जो अपनी असफलताओं को कभी परिभाषित नहीं होने देते. आईएएस अधिकारी वीर प्रताप सिंह राघव तमिलनाडु में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनात हैं. उनकी सफलता की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है.

तीसरे प्रयास में बने IAS

उत्तर प्रदेश के दलपतपुर गांव के मूल निवासी वीर प्रताप सिंह राघव ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास की. उन्होंने 92वां स्थान हासिल किया. करौरा में आर्य समाज स्कूल ने वीर प्रताप के प्राथमिक विद्यालय के रूप में कार्य किया, जबकि शिकारपुर में सूरजभान सरस्वती विद्या मंदिर ने छठी कक्षा से माध्यमिक विद्यालय के रूप में कार्य किया.

वीर प्रताप को अपने घर से प्राथमिक विद्यालय जाने के लिए पांच किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ी. पढ़ाई के लिए उन्हें रोजाना 10 किमी का सफर तय करना पड़ता था. जब गांव में पुल नहीं होता था तो वह नदी के बीच से गुजरता था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. 2015 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में वीर प्रताप ने बीटेक की डिग्री प्राप्त की.

बेटे की पढ़ाई के लिए पिता ने लिए उधार

एक किसान के बेटे वीर प्रताप सिंह राघव ने बचपन से ही गरीबी का अनुभव किया था. फिर भी सीखने की उनकी इच्छा ने उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया. वीर प्रताप के बड़े भाई भी आईएएस बनना चाहते थे, घर की स्थिति ठीक ना होने के कारण उन्होंने सीआरपीएफ में सेवा करने का फैसला किया. वीर की पढ़ाई के लिए उनके पिता ने वीर प्रताप को यूपीएससी की तैयारी के लिए ब्याज पर पैसे उधार लिए.

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Rakesh Kumar