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Success Story: स्कूल में हो गईं फेल, पहले प्रयास में बनीं IAS, जानें कौन है रुक्मणी रियार और कहां से की है पढ़ाई

Success Story
Written by Rakesh Kumar

Success Story: स्कूल में हो गईं फेल, पहले प्रयास में बनीं IAS, जानें कौन है रुक्मणी रियार और कहां से की है पढ़ाई

UPSC Topper Story: साल 2011 बैच की IAS Officer रुक्मणी रियार ने यूपीएससी सिविस सेवा परीक्षा में सेकेंड टॉपर रही हैं. यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने कभी कोई कोचिंग नहीं की.

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स्कूल में हो गईं फेल, पहले प्रयास में बनीं IAS, जानें कौन है रुक्मणी रियार और कहां से की है पढ़ाई

UPSC Success Story: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से आयोजित होने वाली सिविल सर्विस परीक्षा में हर साल लाखों की संख्या में परीक्षार्थी शामिल होते हैं. इनमें से कुछ को ही सफलता मिलती है. UPSC परीक्षा क्रैक करने वाले हर कैंडिडेट को एक उदाहरण के तौर पर याद किया जाता है. उनकी कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करती हैं. ऐसी ही कहानी है IAS Officer रुक्मणी रियार की.

रुक्मणी रियार 2011 बैच की IAS ऑफिसर हैं. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पहले ही प्रयास में क्रैक कर लिया था. साथ ही अपने बैच में AIR 2 हासिल करके पूरे देश में सेकेंड टॉपर बनीं थी. हालांकि, उनकी इस सफलता के पीछे की कहानी बेहद रोचक है.

स्कूल में हो गईं थी फेल

एक इंटरव्यू में रुक्मणी बताती हैं कि वो स्कूल में एक एवरेज स्टूडेंट रही हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गुरदासपुरम से की. कक्षा 4 में डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में प्रवेश लिया. वो क्लास 6 में एक बार फेल भी हो गई थीं.

आईएएस अधिकारी रुक्मणी ने अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से सामाजिक विज्ञान में ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने मुंबई में टाटा संस्थान से सामाजिक विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की. एक NGO में काम करते हुए उन्होंने सिविल सर्विस में जाने का सोचा. इसके बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं.

बिना कोचिंग के बनीं UPSC Topper

यूपीएससी जैसी परीक्षा के लिए जहां लोग लाखों की कोचिंग करते हैं, वहीं रुक्मणी रियार ने सेल्फ स्टडी से इस परीक्षा को क्रैक कर लिया. साल 2011 यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में रुक्मणी को सेकेंड रैंक प्राप्त हुआ. UPSC की तैयारी करने वालों को सलाह देते हुए रुक्मणी कहती हैं कि सिविल सर्विस परीक्षा क्रैक करने के लिए कक्षा 6 से 12वीं तक की सिलेबस को अच्छे से पढ़ लें. साथ ही रोजाना अखबार पढ़ने की आदत डाल लें.

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Rakesh Kumar