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किताबें उधार लेकर की पढ़ाई, सिक्योरिटी गार्ड का बेटा ऐसे बना IRS ऑफिसर

UPSC SUCCESS STORY
Written by Rakesh Kumar

UPSC Success Story: यूपीएससी एग्जाम को क्लियर करना बेहद कठिन होता है. लेकिन इसे पहले प्रयास में क्लियर करना तो और भी ज्यादा कठिन हो जाता है. हालांकि, कुलदीप द्विवेदी ने पहले ही प्रयास में एग्जाम क्लियर कर लिया.

UPSC SUCCESS STORY

UPSC: भारत में सबसे कठिन एग्जाम की जब भी बात होती है, तो उसने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) एग्जाम की बात जरूर होती है. UPSC Exam निस्संदेह सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. सिविल ऑफिसर बनने की उम्मीद में हर साल हजारों उम्मीदवारों द्वारा यूपीएससी एग्जाम दिया जाता है. हालांकि, यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने के लिए हर साल रजिस्टर करने वाले हजारों छात्रों में से कुछ उम्मीदवार ही इसे पास कर पाते हैं और अधिकारी बनने में सफल होते हैं. ये दिखाता है कि ये एग्जाम कितना कठिन है.

हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो इन कठिनाइयों को पार करते हुए इस एग्जाम को पास कर अपने सपने को पूरा करते हैं. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं कुलदीप द्विवेदी. दरअसल, 2015 में यूपीएससी द्वारा करवाए जाने वाले सिविल सर्विस एग्जाम (CSE) को न सिर्फ क्रैक किया, बल्कि ऑल इंडिया रैंक 242 को हासिल किया. बचपन से ही खराब आर्थिक परिस्थितियों के बीच पले-बढ़े कुलदीप द्विवेदी ने कभी भी अपनी सफलता के रास्ते में कोई परेशानी नहीं आने दी. वह यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर IRS अधिकारी बने.

पिता करते थे सिक्योरिटी गार्ड का काम

आईआरएस कुलदीप द्विवेदी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव शेखपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता सूर्यकांत द्विवेदी लखनऊ यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम किया करते थे. परिवार में इकलौते कमाने वाले उनके पिता ही थे. एक वक्त ऐसा भी था, जब उनकी सैलरी मात्र 1100 रुपये थी. कुलदीप के पिता ने परिवार का पेट पालने के लिए बहुत मेहनत की. उन्होंने बच्चों को पढ़ाने के लिए दिन में खेतों में काम करना भी शुरू कर दिया.

कैसे की एग्जाम की तैयारी?

4 भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में सबसे ज्यादा होशियार थे. उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से साल 2009 में ग्रेजुएशन किया. 2011 में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर दिया. कुलदीप ने प्रयागराज में रहकर यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करना शुरू किया. उस समय उनके पास मोबाइल फोन नहीं था. वह पीसीओ के जरिए घरवालों से बात किया करते थे.

कुलदीप द्विवेदी ने साल 2015 में यूपीएससी की एग्जाम दिया. वह अपने पहले ही प्रयास में 242वीं रैंक के साथ सफल हुए. उनकी ट्रेनिंग अगस्त 2016 में नागपुर में शुरू हुई थी. कुलदीप ने यूपीएससी परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं ली. वह दूसरे परीक्षार्थियों से किताबें उधार लेकर सेल्फ-स्टडी किया करते थे.

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Rakesh Kumar