Uncategorized

CTET Previous Year Question book

ctet-previous-year-question-book
Written by Kajal

CTET Previous Year Question book:- साथियों आज SSC GK आपके लिए ctet solved question paper last 5 years pdf , ctet previous year question paper with answer , arihant ctet previous year question papers pdf , ctet previous year question book paper 2 लेकर आया है. यदि आप Google पर  ctet previous year question paper pdf in hindi or ctet mock test pdf को Search कर रहे थे तो आप बिलकुल सही वेबसाइट SSC GK पर है.

CTET Previous Year Question book

 इस पोस्ट में हम आपको ctet syllabus paper 1 pdf download150 अंकों के लिए सीटीईटी ऑनलाइन टेस्ट के बेहतरीन नोट्स उपलब्ध करवा रहे है.

Que.-1.दुर्भाग्य से राजस्थान में सातवीं शताब्दी से पूर्व बने मन्दिरों के अवशेष ही प्राप्त होते हैं।

Que.-2.यहाँ मन्दिरों के विकास का काल सातवीं से दसवीं शताब्दी के मध्य रहा। यह वह काल था, जब राजस्थान में अनेक मन्दिर बने।

Que.-3.इस काल में ही मन्दिरों की क्षेत्रीय शैलियाँ विकसित हुई। इस काल में विशाल एवं परिपूर्ण मन्दिरों का निर्माण हुआ।

Que.-4.लगभग आठवीं शताब्दी से राजस्थान में जिस क्षेत्रीय शैली का विकास हुआ, “गुर्जर-प्रतिहार अथवा महामारूकहा गया है।

Que.-5.गुर्जर-प्रतिहार अथवा महामारू शैली के अन्तर्गत प्रारम्भिक निर्माण मण्डौर के प्रतिहारों, सांभर के चौहानों तथा चित्तौड़ के मौर्यों ने किया।

Que.-6.गुर्जर-प्रतिहार अथवा महामारू शैली के मन्दिरों में केकीन्द (मेड़ता) का नीलकण्ठेश्वर मन्दिर, किराडू का सोमेश्वर मन्दिर प्रमुख हैं।

Que.-7.इस क्रम को आगे बढ़ाने वालों में जालौर के गुर्जर प्रतिहार रहे और बाद में चौहानों, परमारों और गुहिलों ने मन्दिर शिल्प को समृद्ध बनाया।

Que.-8.इस युग के कुछ मन्दिर गुर्जर-प्रतिहार शैली की मूलधारा से अलग है, इनमें बाड़ौली का मन्दिर, नागदा में सास-बहू का मन्दिर और उदयपुर में जगत अम्बिका मन्दिर प्रमुख हैं।

Que.-9.इसी युग का सिरोही जिले में वर्माण का ब्रह्माण्ड स्वामी मन्दिर अपनी भग्नावस्था के बावजूद राजस्थान के सुन्दर मन्दिरों में से एक है। वर्माण का ब्रह्माण्ड स्वामी मन्दिर एक अलंकृत मंच पर अवस्थित है।

Que.-10.दक्षिण राजस्थान के इन मन्दिरों में क्रमबद्धता एवं एकसूत्रता का अभाव दिखाई देता है। इन मन्दिरों के शिल्प पर गुजरात का प्रभाव स्पष्टतः देखा जा सकता है। इन मन्दिरों में विभिन्न शैलीगत तत्वों एवं परस्पर विभिन्नताओं के दर्शन होते हैं।

CTET Previous Year Question book Complete Notes PDF Download

Download CTET Previous Year Question book Complete Notes PDF = Click Here

Join CTET Previous Year Question book Whatsapp Group = Click Here

Join CTET Previous Year Question book Telegram Group = Click Here

About the author

Kajal