Uncategorized

एक अपमान ने बदली जिंदगी, डॉक्टर से आईएएस ऑफिसर बनी प्रियंका शुक्ला

प्रियंका upsc story
Written by Rakesh Kumar

UPSC Success Story: पहले प्रयास में प्रियंका को यूपीएससी में असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और ठान लिया कि वे कलेक्टर ही बनेंगी. साल 2009 में उनका आईएएस ऑफिसर बनने का सपना पूरा हो गया.

प्रियंका upsc story

यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक है. इसे क्रैक करने वाले उम्मीदवारों की कहानी हमेशा लाखों युवाओं को प्रेरित करती है. इसी कड़ी में यहां आईएएस ऑफिसर प्रियंका शुक्ला (IAS Officer Priyanka Shukla) की कहानी बता रहे हैं, जिन की कहानी सभी से अलग है. यूपीएससी परीक्षा 2009 में सफलता प्राप्त कर आईएएस बनने वाली प्रियंका शुक्ला पेशे से डॉक्टर थीं. डॉक्टर से आईएएस ऑफिसर बनने की उनकी कहानी बेहद रोचक है.

प्रियंका शुक्ला ने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (KGMU) से पढ़ाई की और वहीं से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. उनका परिवार हमेशा चाहता था कि वह एक आईएएस अधिकारी बने. उनके पिता हरिद्वार के जिलाधिकारी के नेतृत्व वाले विभाग में कार्यरत थे. प्रियंका बताती हैं कि, उनके पिता ने कहा कि वह अपने घर के सामने कलेक्टर के रूप में छपी प्रियंका के नाम वाली नेमप्लेट देखना चाहते है.

educational life of priyanka

प्रियंका ने एमबीबीएस का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर कर लिया और उन्हें लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल गया. एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने लखनऊ में प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया. वे डॉक्टर बनकर काफी खुश थीं. लेकिन एक घटना या ऐसा कह सकते हैं कि एक अपमान ने उनकी जिंगदी बदल दी.

एक बार प्रियंका स्लम एरिया में चेकअप करने के लिए गईं. वहां एक महिला गंदा पानी पी रही थी और अपने बच्चों को भी पिला रही थी. प्रियंका ने उस महिला से गंदा पानी पीने से मना किया. इस पर उस महिला ने कहा कि क्या तुम कहीं की कलेक्टर हो? यह बात सुनकर प्रियंका अंदर तक हिल गईं और उन्होंने आईएएस बनने का फैसला किया.

पहले प्रयास में प्रियंका को यूपीएससी में असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और ठान लिया कि वे कलेक्टर ही बनेंगी. आखिरकार साल 2009 में उनका सपना पूरा हो गया. आईएएस ऑफिसर बनने के बाद प्रियंका शुक्ला ने लोगों की जिंदगी बदलने को अपना लक्ष्य बना लिया.

Click Here

About the author

Rakesh Kumar