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हिन्दी डेली करंट अफेयर्स तारीख 13 दिसंबर 2021

हिन्दी डेली करंट अफेयर्स तारीख 13 दिसंबर 2021
Written by Rakesh Kumar

हिन्दी डेली करंट अफेयर्स तारीख 13 दिसंबर 2021

 

हिन्दी डेली करंट अफेयर्स तारीख 13 दिसंबर 2021:- आज इस post के माध्यम से हम हिन्दी डेली करंट

अफेयर्स तारीख 13 दिसंबर 2021 विषय के बारे में पढेंगे|

इससे पहले हम आपको हिन्दी डेली करंट अफेयर्स तारीख 12 दिसंबर 2021 के विषय में विस्तारपूर्वक बता चुके हैं|

 

प्रश्न  – 21 साल बाद मिस यूनिवर्स 2021 का खिताब किस भारतीय ने जीता है ?

उत्तर : हरनाज कौर संधू।

 

प्रश्न  – प्रधानमंत्री मोदी ने काशी में किस कॉरिडोर का उद्घाटन किया ?

उत्तर : काशी विश्वनाथ कॉरिडोर।

 

प्रश्न  – हाल ही में मैक्स वर्स्टापेन ने कौन-सा खिताब अपने नाम किया ?

उत्तर : अबू धाबी ग्रां प्री एफ वन रेस।

 

प्रश्न  – देशभर में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कितने नए मामले दर्ज किये गए और इस दौरान कोरोना

से कितने लोगों की मौत हुई ?

उत्तर : देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 7,350 नए मामले दर्ज किये गए और 202 लोगों की मौत हुई।

 

प्रश्न  – भारत ने किस मिसाइल का सफल परीक्षण किया ?

उत्तर : संत मिसाइल।

 

प्रश्न  – किस टेलीकॉम कंपनी ने,  इन्वेस्ट इंडिया ‘स्टार्टअप इनोवेशन चैलेंज’ लॉन्च किया है ?

उत्तर – एयरटेल

 

प्रश्न  – अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस कब को मनाया गया है?

उत्तर – 11 दिसंबर

 

डेली हिन्दी करंट अफेयर्स

 

प्रश्न  – उस शहर का नाम बताइये जिसने 8 दिसंबर 1985 में सार्क चार्टर को अपनाया था ?

उत्तर – ढाका

 

प्रश्न  – उत्तर प्रदेश में कौन सी आर्द्रभूमि को रामसर साइट के रूप में मान्यता दी गई है

उत्तर – हैदरपुर आर्द्रभूमि

 

प्रश्न  – प्रधानमंत्री केंद्रीय आवास योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2021 से कब तक जारी रखने की मंजूरी प्रदान की है?

उत्तर – 2021 से 2024 तक।

 

प्रश्न  – उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 9,802 करोड़ रुपये की लागत की सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना

का उद्घाटन कब हुआ?

उत्तर – 11 दिसंबर 2021

 

प्रश्न  – एडटेक कंपनी का नाम बताइये जो 2021 में दुनिया की तक सबसे मूल्यवान कंपनी है ?

उत्तर – बायजुस

 

प्रश्न  – भरत की पहली एयरलाइन जो ESG Report लांच करने वाली पहली एयरलाइन बनी है?

उत्तर – इंडिगो

 

प्रश्न  – जापान के उन दो लोगो के नाम बताइये जो वर्ष 2009 के बाद पहले स्वयं भुगतान करने वाले

अंतरिक्ष पर्यटक बने हैं?

उत्तर – युसाकु मेज़ावा और योज़ो हिरानो

 

प्रश्न  – केंद्र सरकार द्वारा भारत की अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना कब तक की है?

उत्तर – वर्ष 2030

 

अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी:-

रेडियोधर्मी प्रदूषण व इसका खतरनाक प्रभाव:-

हाल ही में जल में रेडियोधर्मी प्रदूषण और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभावों को दुनिया के कई हिस्सों में देखा  गया है।

 

संक्षिप्त परिचय:-

रेडियोधर्मिता कुछ तत्त्वों के अस्थिर नाभिक से कणों या तरंगों के स्वतःस्फूर्त उत्सर्जन की घटना है।

रेडियोधर्मी उत्सर्जन तीन प्रकार के होते है- अल्फा, बीटा और गामा।

अल्फा कण धनावेशित हीलियम परमाणु हैं, बीटा कण ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन हैं और गामा किरणें

उदासीन विद्युतचुंबकीय विकिरण हैं।

 

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रेडियोधर्मी तत्त्व प्राकृतिक रूप से पृथ्वी की क्रस्ट में पाए जाते हैं। यूरेनियम, थोरियम और एक्टिनियम

तीन शृंखला हैं जो जल संसाधनों को प्रदूषित करते हैं।

जल में थोड़ी मात्रा में विकिरण पाया जाता है लेकिन विकिरण की विस्तारित मात्रा मानव स्वास्थ्य के लिये

हानिकारक होती है। पीने के पानी में रेडियोधर्मिता को सकल अल्फा परीक्षण द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।

रेडियोधर्मिता को बेकुरल या क्यूरी में मापा जाता है। यूनिट सीवर्ट मानव ऊतकों द्वारा अवशोषित विकिरण

की मात्रा को मापता है।

परमाणु रिएक्टर के द्वारा रेडियो आइसोटोप का उत्पादन करते हैं जो रेडियोथेरेपी तथा कई औद्योगिक

उपकरणों में गामा विकिरण के स्रोत के रूप में बाहर निकलते हैं।

परमाणु ऊर्जा संयंत्र जो कि तटीय क्षेत्रों में स्थित परमाणु कचरे को छोड़ कर समुद्री जल में रेडियोलॉज़िकल

प्रदूषण  करते हैं। इन बिजलीघरों में पानी को शीतलक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है, जो दूषित भी हो जाते हैं।

रेडियोधर्मी कचरे को सतही जल निकायों में डालने से जल प्रदूषण होता है। परमाणु हथियारों, एक्स-रे,

एमआरआई और अन्य चिकित्सा उपकरणों में रेडियोधर्मी तत्त्वों के प्रयोग से मनुष्य के संपर्क में आने का कारण बनता है।

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पनडुब्बी के समुन्द्र में दुर्घटनाओं के कारण रेडियोधर्मी प्रदूषण होता है। प्रायः परमाणु पनडुब्बियाँ समुद्री

वातावरण में रेडियोधर्मी संदूषण का कारण बनती हैं।

प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के माध्यम से विकिरण को मानव ऊतक अवशोषित करते हैं, जिससे गंभीर

स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। विकिरण की उच्च मात्रा विकिरण सिंड्रोम या त्वचीय विकिरण चोट का कारण बन सकती है।

मानव शरीर में, विकिरण के संपर्क में आने से विभिन्न विकार होते हैं, जिनमें कैंसर, ल्यूकेमिया, आनुवंशिक

उत्परिवर्तन, मोतियाबिंद आदि शामिल हैं।

आयन के विकिरण पुरुष शुक्राणु कोशिकाओं और महिला अंडाणु कोशिकाओं में उत्परिवर्तन को प्रेरित करता है,

जिसके परिणामस्वरूप रोगाणु कोशिकाओं के डीएनए में संरचनात्मक परिवर्तन होता है जो कि एक पीढ़ी से

दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है। वंशानुगत विकारों से असामयिक मृत्यु और गंभीर मानसिक बीमारी हो सकती है।

मौजूदा समय में सुरक्षित जल आपूर्ति के लिये रेडियोधर्मी प्रदूषकों के उचित विश्लेषण एवं निगरानी की भी आवश्यकता है।

विभिन्न उपचार विधियाँ जैसे वातन, रिवर्स ऑस्मोसिस, आयन एक्सचेंज और ग्रेन्युल कार्बन अवशोषण

रेडियोधर्मी दूषित पानी के उपचार के लिये प्रभावी उपचारात्मक उपाय हैं।

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