हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक व ग्रन्थ
हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक व ग्रन्थ:- आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आप के साथ हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक व ग्रन्थ के बारे में चर्चा करेंगे| हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक कौन-कौन से हैं तथा उनकी प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं,
इन सब के बारे में विस्तार से पढेंगे?
इससे पहले की पोस्ट में हम आप को “अलंकार की परिभाषा व भेद“ के बारे में विस्तार से बता चुके हैं|
हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक व ग्रन्थ:-
भारत के हिंदी साहित्य के लेखन में बहुत से प्रसिद्ध लेखकों का योगदान रहा है। जिन ग्रंथों की रचना उनके
द्वारा की गई उनका वर्णन निम्न प्रकार से किया जा सकता है:-
1.- कृपाशंकर शुक्ला – हिंदी साहित्य का इतिहास लिखते हुए इन्होने “आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास”
नामक ग्रंथ की रचना की।
2.- पं.महेश दत्त शुक्ल – पंडित महेश शुक्ला जी ने हिंदी साहित्य पर आधारित ‘हिंदी काव्य संग्रह’ नामक ग्रंथ
की रचना की।
3.- श्री प्रभु दयाल मित्तल जी – “चैतन्य संप्रदाय और उसका साहित्य” नामक ग्रंथ हिंदी साहित्य में लिखा।
4.- श्री परशुराम चतुर्वेदी – श्री परशुराम चतुर्वेदी जी ने हिंदी साहित्य का इतिहास “उत्तर भारत की संत परंपरा”
नाम से लिखा।
5.- काशी प्रचारिणी सभा – नागरी प्रचारिणी सभा, काशी द्वारा 18 खण्डों में हिंदी साहित्य के वहत्
इतिहास की रचना की गई तथा इसके छठे भाग में डॉ. नगेंद्र ने रीतिकाल का संपादन किया है।
हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक और रचनाएँ
6.- डॉ. टीकम सिंह तोमर – डॉ.टीकम सिंह तोमर ने ”हिंदी वीर काव्य” नामक ग्रंथ की रचना की।
7.- डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी – “हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास” नामक ग्रंथ की रचना डॉ. रामस्वरूप
चतुर्वेदी ने की थी।
8.- आचार्य चतुरसेन – आचार्य चतुरसेन ने हिंदी साहित्य का इतिहास लिखते हुए “हिंदी साहित्य का इतिहास”
नामक ग्रंथ लिखा।
हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक व ग्रन्थ:-
9.-श्री सूर्यकांत शास्त्री जी – सूर्यकांत शास्त्री जी ने”हिंदी साहित्य का विवेचनात्मक
इतिहास” नामक ग्रन्थ लिखा।
10.- डॉ. नलिन विलोचन शर्मा – डॉ. श्री नलिन विलोचन शर्मा जी ने “हिंदी
साहित्य का इतिहास दर्शन” नामक ग्रंथ लिखा।
11.- बाबू श्यामसुंदर दास – इन्होने ”हिंदी भाषा और साहित्य” नाम से साहित्यक ग्रन्थ लिखा।
हिंदी साहित्य के लेखक एवं प्रमुख ग्रंथ:-
12.- डॉ. मोती लाल मेनारिया – हिंदी साहित्य का इतिहास लिखते हुए डॉ. मोती लाल मेनारिया जी ने दो ग्रंथ लिखे-
1.- “राजस्थानी भाषा और साहित्य”
2.- “राजस्थानी पिंगल साहित्य”।
13.- डॉ. गणपति चंद्र शुक्ल – सन् 1965 ईस्वी में गणपति चंद्र शुक्ला जी ने ‘हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास”
नामक ग्रंथ की रचना की।
हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक व ग्रन्थ:-
14.- पं.राम नरेश त्रिपाठी – हिंदी साहित्य पर आधारित “कविता कौमुदी”, जिसके दो भाग हैं नामक ग्रंथ पंडित राम
नरेश त्रिपाठी जी द्वारा लिखा गया ।
15.- डॉ. बच्चन सिंह – हिंदी साहित्य पर आधारित, श्री बच्चन सिंह जी
ने “आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास” नामक
ग्रंथ की रचना की।
हिंदी साहित्य के इतिहास के प्रमुख ग्रन्थ
16.- गार्सा द तासी – सन् 1839 ई. में श्री गार्सा द तासी जी ने ”इस्त्वार द ला लितरेत्यूर ऐंदुई ऐंदुस्तानी” नामक ग्रंथ की रचना की।
यह ग्रंथ इन्होंने फ्रेंच भाषा में लिखा था। हिंदी साहित्य इतिहास का लिखा गया यह पहला ग्रंथ माना जाता है।
17.- शिवसिंह सेंगर – सन् 1883 ई. में शिव सिंह सेंगर जी ने हिंदी साहित्य का इतिहास लिखते हुए ‘शिव सिंह सरोज’
नामक ग्रंथ लिखा। लगभग 1000 कवियों के जीवन वृत्त एवं रचनाएं इन्होंने इस ग्रंथ में लिखीं।
हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक व ग्रन्थ:-
18.- श्री जॉर्ज ग्रियर्सन – सन् 1888 ई. में श्री जॉर्ज ग्रियर्सन ने हिंदी साहित्य के इतिहास की रचना करते हुए इंग्लिश
भाषा में ”द मॉडर्न वर्नाकुलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान” नामक ग्रंथ लिखा। पूर्व रचनाओं को इन्होंने अपने आधार का
स्रोत बनाया एवं कालक्रम अनुसार कवियों का वर्गीकरण किया।
19.- मिश्र बंधु – इन्होंने हिंदी साहित्य का इतिहास ”मिश्रबंधु विनोद” नामक ग्रंथ में लिखा। सन् 1913 ई. में इन्होंने
इसकी रचना की थी। इन्होंने हिंदी साहित्य के इतिहास के काल विभाजन का पहला प्रयास किया तथा अपने काव्य
ग्रंथ में लगभग 5000 कवियों को स्थान दिया|
हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार
20.- आचार्य श्री रामचंद्र शुक्ल – आचार्य रामचंद्र शुक्ल का हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन में महत्वपूर्ण योगदान
रहा है। सन् 1929 में हिंदी साहित्य की रचना करते हुए आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी ने “हिंदी साहित्य का इतिहास” नामक
ग्रंथ लिखा।
इनके द्वारा रचित ग्रंथों में इतिहास के दर्शन होते हैं। हिंदी साहित्य के इतिहास के काल विभाजन का इन्होंने सफलतम
प्रयास किया|
21.- आचार्य श्री हजारी प्रसाद द्विवेदी – हिंदी साहित्य के इतिहास की रचना करते हुए आचार्य श्री हजारी प्रसाद द्विवेदी
जी ने तीन ग्रंथों की रचना की – 1.- “हिंदी साहित्य की भूमिका” 2.- “हिंदी साहित्य का आदिकाल” 3.- “हिंदी साहित्य:
उद्भव और विकास”।
हिंदी साहित्य के लेखक एवं प्रमुख ग्रंथ
22.- डॉ.रामकुमार वर्मा – हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन में डॉ.रामकुमार वर्मा जी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। सन्
1938 ईस्वी में इन्होने ‘हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास’ नामक ग्रंथ लिखा।
23.- डॉ. नगेंद्र – डॉ नगेंद्र का हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। श्री नगेंद्र जी ने ‘रीति काव्य
की भूमिका’ नाम से हिंदी साहित्य के इतिहास की रचना की।
24.- डॉ.धीरेंद्र वर्मा – “हिंदी साहित्य का इतिहास” नामक ग्रंथ डॉ. धीरेंद्र वर्मा जी ने लिखा।
25.- डॉ. भागीरथ मिश्र – हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन में डॉ. भागीरथ मिश्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन्होंने
‘हिंदी साहित्य’ नामक ग्रंथ की रचना की।