सर्वनाम शब्द रूप
सर्वनाम शब्द रूप:- आज इस लेख के माध्यम से हम आप को संस्कृत में सर्वनाम शब्द रूप के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे| यहां हम आप को अस्मद्, युष्मद्, तद् तथा एतत् आदि सर्वनाम शब्दों के शब्द रूपों के बारे में विस्तार से बताएंगे|
इससे पहले की पोस्ट के माध्यम से हम आप को “ संस्कृत में शरीर के अंगों के नाम” के बारे में विस्तारपूर्वक बता चुके हैं।
सर्वनाम शब्द रूप:-
सबसे पहले आइये जानते हैं कि सर्वनाम किसे कहते हैं?
जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है उन्हें सर्वनाम कहते हैं| यदि हम साधारण से साधारण शब्दों में कहें तो सर्वनाम का अर्थ होता है सबका नाम या हम ऐसे भी कह सकते हैं कि जो शब्द सबके नाम के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं उन्हें सर्वनाम कहते हैं|
यहां आगे बढने से पूर्व हम आप को थोड़ा-सा संज्ञा के बारे में भी बता देतें हैं|
संज्ञा किसे कहते हैं?
हिंदी व्याकरण में हम उस विकारी शब्द को संज्ञा कहते हैं जिससे किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान भाव तथा किसी जीव के नाम का बोध होता है|
विकारी शब्द किसे कहते हैं?
जिस शब्द में कोई विकार हो उसे विकारी शब्द कहते हैं| विकार का मतलब होता है परिवर्तन या बदलाव| उदाहरण के तौर पर हम वृक्ष शब्द का उदाहरण लेते हैं| इस शब्द में जो परिवर्तन होता है वह इसके रूप बदलने के कारण होता है| रूप, विभक्ति तथा वचन बदलने के कारण होता है|
Sarvanam Shabd Roop
अविकारी शब्द किसे कहते हैं?
संसकृत भाषा में अविकारी को अव्यय शब्द भी कहते हैं| इसका अर्थ यह हुआ कि ऐसे शब्द जो कभी बदलते नहीं हैं|
उदाहरण के तौर पर अत्र, अपि, च, तत्र आदि|
अब हम अपने मुख्य विषय पर आते हैं-
सर्वनाम शब्द रूप:-
अस्मद् शब्द के रूप:-
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा अहम् आवाम् वयम्
द्वितीया माम् आवाम् अस्मानो
तृतीया मया आवाभ्याम् अस्माभि:
चतुर्थी मह्यम् आवाभ्याम् अस्मभ्यम्
पंचमी मत् आवाभ्याम् अस्मत्
षष्ठी मम आवयो: अस्माकम्
सप्तमी मयि आवयो: अस्मासु
युष्मद् शब्द के रुप:-
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा त्वम् युवाम् यूयम्
द्वितीया त्वाम् युवाम् युष्मान्
तृतीया त्वया युवाभ्याम् युष्माभि:
चतुर्थी तुभ्यम् युवाभ्याम् युष्मभ्यम्
पंचमी त्वत् युवाभ्याम् युष्मत्
षष्ठी तव युवयो: युष्माकम्
सप्तमी त्वयि युवयो: युष्मासु
तद् (पुल्लिंग) शब्द के रूप:-
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा स: तौ ते
द्वितीया तम् तौ तान्
तृतीया तेन ताभ्याम् तै:
चतुर्थी तस्मै ताभ्याम् तेभ्य:
पंचमी तस्मात् ताभ्याम् तेभ्य:
षष्ठी तस्य तयो: तेषाम्
सप्तमी तस्मिन् तयो: तेषु
तद् (स्त्रीलिंग) शब्द के रुप:-
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा सा ते ता:
द्वितीया ताम् ते ता:
तृतीया तया ताभ्याम् ताभि:
चतुर्थी तस्यै ताभ्याम् ताभ्य:
पंचमी तस्या: ताभ्याम् ताभ्य:
षष्ठी तस्या: तयो: तासाम्
सप्तमी तस्याम् तयो: तासु
संस्कृत में सर्वनाम शब्द रूप
तद् (नपुसंकलिंग) शब्द के रूप:-
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा तत् ते तानि
द्वितीया तत् ते तानि
तृतीया तेन ताभ्याम् तै:
चतुर्थी तस्मै ताभ्याम् तेभ्य:
पंचमी तस्मात् ताभ्याम् तेभ्य:
षष्ठी तस्य तयो: तेषाम्
सप्तमी तस्मिन् तयो: तेषु
एतद् (पुल्लिंग) शब्द के रूप:-
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा एष: एतौ एते
द्वितीया एतम् एतौ एतान्
तृतीया एतेन एतेभ्याम् एतै:
चतुर्थी एतस्मै एतेभ्याम् एतेभ्य:
पंचमी एतस्मात् एतेभ्याम् एतेभ्य:
षष्ठी एतस्य एतयो: एतेषाम्
सप्तमी एतस्मिन एतयो: एतेषु
एतद् (स्त्रीलिंग) शब्द के रूप:-
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा एषा एतौ एषा:
द्वितीया एताम् एतौ एता:
तृतीया एतया एताभ्याम् एताभि:
चतुर्थी एतस्यै एताभ्याम् एताभ्य:
पंचमी एतस्या: एताभ्याम् एताभ्य:
षष्ठी एतस्या: एतयो: एतासाम्
सप्तमी एतस्याम् एतयो: एतासु
किम् (पुल्लिंग) शब्द के रूप:-
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा क: कौ के
द्वितीया कम् कौ कान्
तृतीया केन काभ्याम् कै:
चतुर्थी कस्मै काभ्याम् केभ्य:
पंचमी कस्मात् काभ्याम् केभ्य:
षष्ठी कस्य कयो: केषाम्
सप्तमी कस्मिन् कयो: केषु
किम् (स्त्रीलिंग) शब्द के रुप:-
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा का के का:
द्वितीया काम् के का:
तृतीया कया काभ्याम् काभि:
चतुर्थी कस्यै काभ्याम् काभ्य:
पंचमी कस्या: काभ्याम् काभ्य:
षष्ठी कस्या: कयो: कासाम्
सप्तमी कस्याम् कयो: कासु