शब्द और उसके भेद
आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपसे शब्द और उसके भेदों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे। शब्द किसे कहतें है?| शब्द की क्या परिभाषा है? शब्द कितने प्रकार के होते हैं या शब्द के कितने भेद होतें हैं? हिंदी व्याकरण में शब्द का क्या महत्तव है? इन सब के बारे में विस्तार से बतायेंगें|
पिछली पोस्ट में हमने ‘वर्ण की परिभाषा व भेद’ के बारे में विस्तार से चर्चा की थी|
जब हम कुछ भी बोलते हैं तो बोलते समय हमारे मुख से अनेक प्रकार की ध्वनियां निकलती हैं, चाहे हम जाने या अनजाने में ही क्यों ना ऐसा करते हों। इन्हीं ध्वनियों के मेल से शब्द बनते हैं। इस प्रकार वर्णों के सार्थक मेल से ही शब्द बनते हैं, शब्दों का निर्माण होता है।
शब्द की परिभाषा:–‘एक से अधिक वर्णों के मेल से बने सार्थक समूह को शब्द कहते हैं’| जैसे- दमन, कमल, नयन, माता, बहन, सपना, सुबह, दौलत, रागनी, गायक, कलाकार आदि| इससे पहले की पोस्ट में हमने आपसे वर्ण की परिभाषा व इसके भेदों के बारे में विस्तार से चर्चा की थी|
शब्द और उसके भेद:-
शब्दों का वर्गीकरण
शब्दों को निम्न चार प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है-
1.- रचना या बनावट के आधार पर
2.- उत्पत्ति के आधार पर
3.- अर्थ के आधार पर
4.- प्रयोग के आधार पर
1.- रचना के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण:-
रचना के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया जा सकता है-
(1) रूढ़
(2) यौगिक
(3) योगरूढ़
(1) रूढ़ शब्द:– वे शब्द रूढ़ शब्द कहलातें हैं जो एक से अधिक वर्णों के योग से बने हों और जिन के टुकड़ों का कोई भी अर्थ ना निकाला जा सकता हो उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं| ये शब्द किसी अन्य शब्दों के योग से नही बने होते|
जैसे- लता, कल, डर, शहर आदि।
(2) यौगिक शब्द:– वे शब्द जो एक से अधिक शब्दों के योग से मिलकर बने होते हैं तथा जिनके प्रत्येक खंड का अर्थ निकलता हो उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं।
जैसे- राष्ट्रपिता, व्यायामशाला, प्रधानमंत्री, मूत्रालय, राष्ट्रपति, देवालय, देवदूत आदि।
(3) योगरूढ़ शब्द:– वे शब्द जो एक से अधिक शब्दों के योग से तो बने हों लेकिन किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हो, उन्हें योगरूढ़ शब्द कहते हैं|
जैसे- लंबोदर, दशानन, पंकज,चारपाई, त्रिवेदी, चतुर्भुज, अष्टाध्यायी आदि।
शब्द और उसके भेद:-
उत्पत्ति के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
2.- उत्पत्ति के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण:-
उत्पत्ति के आधार पर शब्द चार प्रकार के होते हैं-
(1) तत्सम शब्द
(2) तद्भव शब्द
(3) देशज शब्द
(4) विदेशज शब्द
(1) तत्सम शब्द:– संस्कृत भाषा के उन शब्दों को तत्सम शब्द कहा जाता है जो हिंदी भाषा में ज्यों के त्यों प्रयोग किये जाते हों, तत्सम शब्द कहलाते हैं।
जैसे- अग्नि, क्षेत्र, सूर्य , रात्रि आदि।
(2) तद्भव शब्द:– ये संस्कृत भाषा के वे शब्द होते हैं जिनका बिगड़ा हुआ रूप हिंदी भाषा में प्रयोग होता है, तद्भव शब्द कहलाते हैं।
जैसे- घना, आग, मोर, कोहरा, जीभ, सोना, सावन आदि।
(3) देशज शब्द:– देशी भाषाओं के वे शब्द जो हिंदी भाषा में प्रचलित हो गए हों, देशज शब्द कहलाते हैं ।
जैसे- नाती, खिड़की, बाबा, सांड, खंडका, प्योर,खाट, डोगा आदि ।
(4) विदेशज शब्द:– विदेशी भाषाओं के वे शब्द जो हिंदी भाषा में प्रयोग होते हैं, विदेशज शब्द कहलाते हैं।
जैसे- ,अनार, तेलीफ़ोन, रिक्शा , आम, स्टेशन, चाकू, अलमारी, बाल्टी, स्कूल आदि।
अर्थ के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण
3.- अर्थ के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण:-
अर्थ के आधार पर शब्द दो प्रकार के होते हैं-
(1) सार्थक शब्द
(2) निरर्थक शब्द
(1) सार्थक शब्द:– जिन शब्दों का कोई ना कोई अर्थ निकलता हो, वे सार्थक शब्द कहलाते हैं।
जैसे- रोटी, होली, डंडा ,दशहरा, पानी , गंगा, आधुनिक, विज्ञान आदि।
(2) निरर्थक शब्द:– जिन शब्दों का कोई अर्थ ना निकले, वे निरर्थक शब्द कहलाते हैं।
जैसे- वाम, छुलनी,वाय, वानी, वोटी, वाला आदि।
4.- प्रयोग के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण:–
प्रयोग के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण दो प्रकार से किया जा सकता है-
(1) विकारी शब्द
(2) अविकारी शब्द
(1) विकारी शब्द:– जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन, काल, कारक आदि के कारण बदल जाता है, वे विकारी शब्द कहलाते हैं।
ये चार प्रकार के होते हैं-
1.- संज्ञा
2.- सर्वनाम
3.- विशेषण
4.- क्रिया
(2) अविकारी शब्द– जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन, काल, कारक आदि के कारण नहीं बदलता है,वे अविकारी शब्द कहलाते हैं|
ये चार प्रकार के होते हैं-
1.- क्रिया विशेषण
2.- संबंध बोधक
3.- समुच्चयबोधक
4.- विस्मयादिबोधक
निष्कर्ष
संक्षेप में हम कह सकते हैं कि बोलते समय हमारे मुख से अनेक प्रकार की ध्वनियां निकलती हैं, इन्हीं ध्वनियों के मेल से शब्द बनते हैं। एक से अधिक वर्णों के मेल से बने सार्थक समूह को शब्द कहते हैं|मुख्य रूप से शब्द को चार प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है| अनेक प्रकार के शब्दों से मिलकर वाक्य बनते हैं जो कि शब्दों का सार्थक समूह होता है|