हिंदी व्याकरण

व्याकरण किसे कहते है

व्याकरण किसे कहते है
Written by Rakesh Kumar

व्याकरण किसे कहते है

 

व्याकरण किसे कहते है:- इस पोस्ट के माध्यम से हम आप को हिंदी विषय में व्याकरण के बारे में महत्वपूर्ण  जानकारी प्रदान करेंगे | हम सभी  के लिए हिंदी व्याकरण  के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है|आज  हम आप को बताएँगे कि व्याकरण किसे कहतें हैं?  इसके  कितने भेद हैं ?

व्याकरण वह  शास्त्र है जिसमें   भाषा को  शुद्ध करने के  नियम बताए गए हों |  इसके द्वारा हम किसी भाषा को शुद्ध रूप से पढना, लिखना व बोलना सीखतें हैं| दुसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि व्याकरण भाषा का शुद्ध रूप प्रकट करता है,  उसे ही व्याकरण कहते हैं| 

अर्थात व्याकरण के माध्यम से हम किसी भी भाषा को, हिन्दी या अंग्रेजी  को शुद्ध रूप से पढना, लिखना व बोलना सीखते है| इससे पिछली पोस्ट के माध्यम से हम  ‘भाषा किसे कहते हैं’ के बारे में बता चुके हैं|  यदि आप को भाषा के बारे में नहीं पता तो आप को हमारी वह पोस्ट अवश्य ही पढनी चाहिए|

 

 व्याकरण के भेद 

वह विद्या  जिसके द्वारा हम किसी भाषा को शुद्ध  रूप  से बोलना, पढना त्तथा  शुद्ध लिखना सीखतें हैं व्याकरण  कहलाती है| इसके द्वारा हम किसी भाषा को शुद्ध रूप से  सीख सकतें हैं| व्याकरण के ज्ञान से हमें अशुद्धियों का  ज्ञान हो जाता है तथा शुद्ध एवं स्पस्ट रूप से हम कोई भी भाषा सीख सकतें हैं|

हिंदी व्याकरण के तीन भेद  है:

(1) वर्ण या अक्षर

(2) शब्द

(3) वाक्य

वर्ण किसे कहते हैं :- वर्ण या अक्षर भाषा की उस छोटी से छोटी  ध्वनि को कहते है जिसके टुकड़े नही किये जा सकते है ।

इसका प्रयोग धवनि  व लिपि चिन्हों के  लिए होता है  जैसे -अ, द, म, त, ल, च आदि |

वर्ण के भेद:-

वर्ण के दो भेद होते है स्वर व व्यंजन

स्वर किसे कहते हैं? :- जिन धवानियों के उच्चारण में हवा बिना किसी रुकावट के मुख से बाहर निकलती है  उन धवानियों को स्वर कहते |

हिंदी में ग्यारह स्वर है – 

अ, आ,इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ |

आगे उच्चारण कि दृष्टी से स्वर के भी दो भेद है –

1.-हर्स्व स्वर

2.-दीर्घ स्वर |

हर्स्व स्वर :– जिन स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है,  उन्हें हर्स्व स्वर कहते हैं|  इन्हें लघु स्वर भी कहा जाता है|

ये संख्या में चार है-

अ, उ, इ, ऋ |

दीर्घ स्वर:- जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्राओं का समय लगता है,  उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं|  इन्हें गुरु स्वर भी कहा जाता है |

ये संख्या में सात हैं –

आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ |

व्यंजन किसे कहते हैं

 

जिन धवानियों के उच्चारण में हवा रुकावट के साथ मुख से बाहर निकलती है,  उन धवानियों  को व्यंजन  कहते है | हिंदी में 33 व्यंजन है |

व्यंजन के भी आगे तीन भेद हैं –

1.- स्पर्श व्यंजन

2.-अन्तस्थ व्यंजन 

3.-ऊषण व्यंजन 

1.-स्पर्श व्यंजन – ये पच्चीस हैं

कंठ्य  –  क ख ग घ ङ

तालव्य   –  च छ ज झ ञ

मूर्धन्य  –  ट ठ ड ढ ण

दंत्य   –  त थ द ध न

ओष्ठ्य  –  प फ ब भ म

2.- अन्तस्थ व्यंजन – ये चार हैं-

य र ल व

3.- उषण व्यंजन -ये चार हैं-

श ष स ह

व्यंजन का आगे एक उप भाग है जिसे संयुक्त व्यंजन कहते हैं

संयुक्त व्यंजन – जब दो व्यंजन आपस  में जुड़ जाते हैं  तो वे संयुक्त व्यंजन  कहलाते हैं| संयुक्त व्यंजनो  के कुछ उदहारण  निम्नलिखित हैं –

क् + ष   =  क्ष

त् + र    = त्र

ज् +य    = ज्ञ

श् +र    = श्र

शब्द एवं वाक्य:

(2)शब्द किसे कहते हैं :-  दो  या दो  से अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र व सार्थक ध्वनि ही शब्द कहलाती है अर्थात वर्णों के उस मेल को शब्द कहतें हैं जिसका कुछ ना कुछ अर्थ होता है |

जैसे- दो वर्णों  से निर्मित शब्द जैसे कमल, पवन, कक्षा, मोबाइल, जल, थल आदि|

(3)वाक्य किसे कहते हैं :- दो या दो से अधिक शब्दों  के सार्थक समूह को, जिसका  पूरा अर्थ निकलता हो  वाक्य कहते हैं। वाक्य अनेक शब्दों से मिलकर बनता है |  ये शब्द मिलकर किसी अर्थ का ज्ञान अथवा बोध प्रकट करतें हैं|

उदाहरण के लिए  –

सूर्य पूर्व दिशा से निकलता है|

मोहन स्कूल जाता है|

मुझे तोआज बहुत देर हो गई|

राम ने भीलनी के बेर खाए |

तुम कितने भाई-बहन हो?

रावण बहुत बुद्धिमान था|

ये सभी वाक्य है क्योंकि इनका पूरा अर्थ निकलता है |

इस प्रकार से हमने इस पोस्ट के माध्यम से आपको व्याकरण के बारे में सम्पूरण जानकारी प्रदान की है कि व्याकरण किसे कहते हैं? व्याकरण के कितने भेद हैं? व्याकरण की जानकारी से हम हिंदी भाषा को शुद्ध रूप से लिखना, पढना व बोलना  सीख सकतें हैं|

 

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Rakesh Kumar