वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव - Hindi GK PDF
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वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव

Written by Rakesh Kumar

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव:- आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आप के साथ वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव विषय के बारे में  चर्चा करेंगे| वायु प्रदूषण किसे कहते हैं, वायु प्रदूषण के क्या कारण हैं, वायु प्रदूषण के क्या दुष्परिणाम हैं तथा वायु प्रदूषण कम करने के क्या उपाय हैं, इन सब के बारे में विस्तार से पढेंगे?

इससे पहले की पोस्ट में हम आप को नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय के बारे में विस्तार से बता चुके हैं|

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव:-

मनुष्य के द्वारा धरती पर अनेक प्रकार से प्रदूषण फैलाया जा रहा है| प्रदूषण के कारण मनुष्य

को दिन प्रति दिन अनेक प्रकार के नए-नए रोगों का सामना करना पड़ रहा है। हर रोज हमारे

वातावरण की ताजी हवा में अनेक प्रकार के हानिकारक पदार्थों के मिलने के कारण यह लगातार

प्रदूषित होती जा रही है।

वायु प्रदूषण कई पर्यावरणीय समस्याओं में से एक गंभीर समस्या है| इस समस्या का समाधान

सभी के सामूहिक प्रयासों से ही सम्भव हो सकता है जिस पर सभी को ध्यान देने के साथ-साथ

सुलझाने की भी आवश्यकता है। इस पोस्ट के माध्यम से हम वायु प्रदूषण की बढती हुई समस्या

के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करने जा रहे हैं।

ओज़ोन परत भी वायु प्रदूषण के कारण बहुत ज्यादा प्रभावित होती जा रही है| बढ़ती हुई जनसंख्या

तथा  मनुष्य की आवश्यकता में भी वृद्धि के कारण भी यह समस्या अधिक बढती जा रही है और

यह प्रदूषण का मुख्य कारण भी है।

वायु प्रदूषण क्या है?

अपने दैनिक जीवन के कार्यकलापों के कारण मनुष्य के द्वारा वातावरण में कई प्रकार के खतरनाक

रसायन शामिल होते जा रहे हैं| ये रसायन वातावरण के अंदर नकारात्मक परिवर्तन को बढ़ावा

देने के  लिये मजबूर कर रहे है।

आधुनिक औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया के कारण तथा बढ़ते हुए परिवहन के साधनों के कारण

कई प्रकार की हानिकारक गैसें, धूल के कण तथा अन्य ज़हरीले पदार्थ वातावरण में शामिल होते

जा रहे हैं।

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव:-

हमें अपने दैनिक जीवन के आधार पर वायु प्रदूषण के बढ़ते हुए स्तर को कम करने के लिए

अपने रोज-मर्रा जिंदगी के क्रिया-कलापों में बहुत बड़े स्तर पर बदलाव लाने कि जरूरत है।

वायु प्रदूषण के नुकसान से बचने तथा इसको कम करने के लिए हमें पेड़ो को काटने से बचाना

चाहिए| अपने दैनिक जीवन में सार्वजनिक परिवहन के साधनों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए|

हमे अन्य उन गतिविधियों को अपनाना चाहिए जो हमारे पर्यावरण को दूषित करने वाले कारको

को रोकने में सहायक सिद्ध हो सके।

वायु प्रदूषण का अर्थ:-

हवा में जब ऐसे पदार्थ मिल जाते हैं जो मानव तथा पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं तो इस प्रकार

कि परिस्थिति को वायु प्रदूषण कहते हैं|

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव:-

दूसरे शब्दों  में हम कह सकते हैं कि जब स्वच्छ वायु में अनेक प्रकार के हानिकारक रसायन, धूल के

सूक्ष्म पदार्थ, कई प्रकार की विषैली गैसें तथा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक बढ़ जाती है तो

वह वायु प्रदूषण कहलाता है।

उसी समय से वायु प्रदूषण की समस्या प्रारंभ हो जाती है जब वायु में अवांछित तत्व तथा गैस आदि

समाविष्ट होने शुरू हो जाते हैं| इस प्रकार से  वायु का प्राकृतिक स्वरूप नष्ट होने लग जाता है और

उससे नुकसान होने की अधिक संभावना हो जाती है।

वायु प्रदूषण पर निबंध

हमारे वायुमण्डल की प्रक्रिया में अपने आप ही स्वच्छ तथा सन्तुलन बनाये रखने की स्वत: ही अपूर्व

क्षमता विद्यमान होती है। पेड़-पौधों के द्वारा छोड़ी जाने वाली ऑक्सीजन के द्वारा यह  कमी अपने

आप पूरी होती रहती है|

लेकिन आजकल की औद्योगिक एवं तकनीकी विकास ने इस समीकरण को उल्टा कर रख दिया है|

मनुष्य के द्वारा बड़ी तीव्र गति से वायुमण्डल में अनेक प्रकार  के अवांछनीय  पदार्थों का लगातार

विस्तारित किया जा रहा है। मुख्य रूप से यही वायु प्रदूषण का कारण है।

वायु प्रदूषण के कारण:- वायु प्रदूषण के कारणों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है

  1.  प्राकृतिक कारण
  2.  मानवीय कारण
  1. वायु प्रदूषण के प्राकृतिक कारण:-

No.1.- कई प्राकृतिक क्रियाओं के द्वारा भी वायु का प्रदूषण होता है| ज्वालामुखी में होने वाला

विस्फोट  इसका एक प्रमुख प्राकृतिक घटना है| ज्वालामुखी में विस्फोट के समय बड़ी मात्रा में

धूल के कण, धुआँ, तथा कई प्रकार की गैसें बड़ी तेज गति से बाहर के वातावरण में फ़ैल जाती

हैं तथा प्रदूषण में वृद्धि हो जाती है।

No.2.- जंगलों में आग लगने से भी वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है| कई बार यह आग हजारों

किलोमीटर के एरिया में फैल जाती है| इस आग से बहुत मात्रा में धुआँ तथा राख के कण वातावरण

में मिल जाते हैं।

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव:-

No.3.- आंधी-तूफान तथा तेज हवाओं से जो धूल उडती है उनके कण वायु मण्डल में फैलते हैं

तथा वे प्रदूषण फैलाते हैं।

No.4.- वायु प्रदूषण में समुद्री लवण तथा खनिजों के कण भी बढ़ावा देते हैं।

What Is Air Pollution?

No.5.- कई प्रकार के पौधों से पैदा हुए हाइड्रोजन के यौगिक और परागकण भी प्रदूषण का कारण बनते हैं।

No.6.- वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण बहुत अधिक धूंध या कोहरा का पड़ना भी है।

इन प्राकृतिक कारणों से होने वाला प्रदूषण थोड़ी मात्रा में ही हानि पहुंचाता है क्योंकि इसको प्रकृति विभिन्न क्रियाओं से स्वयं संतुलन में कर देती है।

  1. वायु प्रदूषण के मानवीय कारण:-

मनुष्य ने अपनी अनेक क्रियाओं के द्वारा वायु मण्डल को बहुत अधिक प्रदूषित किया है तथा

ओर अधिक करता चला जा रहा है। अनेक प्रकार के उद्योग, नये-नये परिवहन के साधन, कई

प्रकार के रसायनिक पदार्थों के प्रयोग ने मनुष्य को अनेक प्रकार की सुविधाऐं तो प्रदान की हैं

लेकिन इन्होने वायु प्रदूषण के संकट को भी बुलावा दिया है।

वायु प्रदूषण के निम्न मानवीय कारण हो सकते हैं:-

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव:-

No.1.- उद्योगों के कारण वायु प्रदूषण में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो गई है| कारखानों एवं उद्योगों

से दिन-रात अनेक प्रकार का जहरीला धुंवा वातावरण में फैलता रहता है| जिन नगरों में  पर्याप्त

उद्योग हैं वहां पर इनका स्तर स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

No.2.- वायु प्रदूषण में अम्लीय वर्षा भी एक खतरनाक कारण है। जब सल्फर-डाई-ऑक्साइड

की मात्रा  वायु में पहुँच कर सल्फ्यूरिक एसिड का निर्माण  करती है तो वह सूक्ष्म कणों के रूप में गिरता है|

इसमें सल्फेट आयन की मात्रा अधिक होती है।

No.3.- कृषि की प्रक्रिया में कीटनाशक दवाओं के अत्यधिक प्रयोग से भी लगातार वायु प्रदूषण

का स्तर बढ़ रहा है। कृषि में अनेक प्रकार की विषैली दवाओं का स्प्रे किया जाता है जिनका

असर हवा में फैलता है|

वायु प्रदूषण के कारण

No.3.- पॉलिश, पेंट, स्प्रे आदि करने के कारण भी हवा में इनका असर दिखाई देता है तथा ये

वायु को प्रदूषित कर देते हैं।

No.4.- जरा सी असावधानी के कारण परमाणु शक्ति का प्रयोग भी वायु प्रदूषण का कारण बन जाती है।

No.4.- घरेलू कार्य में  जैसे कि भोजन बनाने, पानी गर्म करने में लकड़ी, कोयला तथा गोबर के

उपले  आदि का प्रयोग किया जाता है। इनके  जलाने से कार्बन-डाई-ऑक्साइड तथा

कार्बन-मोनो-ऑक्साइड आदि गैसें उत्पन्न होती हैं तथा ये वायु मण्डल को प्रदूषित करती हैं।

No.5.- परिवहन के क्षेत्र में आज के युग में बहुत अधिक प्रोग्रेस तो हुई है तथा इससे दूरियाँ सिमट

कर कम रह गई हैं लेकिन दिन-प्रतिदिन वायु प्रदूषण की समस्या का संकट गहराता ही जा रहा है।

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव:-

No.6.- हमारे देश में विकसित देशों की बजाय वाहनों की संख्या तो बहुत कम है लेकिन वायु

प्रदूषण कम नहीं हो पाया है ऐसा इस कारण से है कि वाहनों में पूराने मॉडल के इंजन लगे हुए है

जो अधिक धूँआ छोड़ते है तथा उनका रख-रखाव भी ठीक ढंग से नहीं हो पाता इनका पर्यावरण पर

विपरीत असर पड़ता है तथा प्रदूषण के प्रति ये स्थिति उदासीन हैं।

No.7.- भारत के थर्मलों में अधिकतर बिजली कोयले को जला कर पैदा की जाती है जिसे ताप

ऊर्जा कहते हैं इस कारण से वायु प्रदूषण का खतरा अधिक हो जाता है| इस प्रकार की प्रक्रिया

में अधिक कोयला जलाया जाता है।

कोयला के जलने से प्रदूषण फैलाने वाली कई प्रकार की गैसें जैसे सल्फर-डाई-ऑक्साइड तथा

कार्बनऑक्साइड वातावरण में फैलती हैं|  कोयले की राख तथा कार्बन के अति सूक्ष्म कण भी

वायु मण्डल में चारों तरफ फैल जाते हैं।

Vayu Pradushan Kise Kahte Hain?

No.8.- एक ओर जहां बढ़ती हुई परिवहन व्यवस्था वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी है वहीं

दूसरी तरफ  वायु प्रदूषण औद्योगिकरण की देन है। उद्योगों से अनेक प्रकार के पदार्थों का धुआँ

औद्योगिक चिमनियों से निकलता है तथा वायु मण्डल में विलीन हो जाता है परिणामस्वरूप वायु

प्रदूषण बढ़ता होता है।

वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव:-

No.1.- पृथ्वी के पर्यावरण में जैसे-जैसे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जाती है, उसके

कारण से ओजोन परत पर विपरीत असर पड़ता है तथा वह पतली होती है। इस कारण से सूर्य

से आने वाली हानिकारक किरणें सीधी तौर से हमारे ऊपर पड़ती है, इससे त्वचा के कैंसर

सम्बन्धी अनेक प्रकार की बीमारियाँ बढ़ रही है।

No.2.-  वायु प्रदूषण के कारण अनेक प्रकार की बीमारियां जैसे पेट की बीमारी, अस्थमा,

दमा का रोग, कैंसर, सिर में दर्द होना , कई प्रकार की एलर्जी का होना, दिल की बीमारी जैसे  घातक रोग हो सकते हैं| । कई लोगों की मृत्यु इन बीमारियों से प्रतिदिन हो रही है।

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव:-

No.3.- वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा पहले 24% थी परन्तु प्रदूषण के कारण इसका स्तर लगातार कम होता जा रहा है| हमारे वातावरण में, एक शोध के अनुसार इस समय ऑक्सीजन की मात्रा लगभग 22% रह गई है।

No.4.- वायुमंडल के अंदर स्वच्छ हवा और ऑक्सीजन की लगातार कमी हो रही है इस के कारण जीव-जंतुओं की प्रजातियों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है|

No.5.- प्रदूषण बढने के कारण पृथ्वी पर आए दिन कोई ना कोई नई आपदा आती रहती है ऐसा वातावरण के संतुलन के बिगड़ने के कारण हो रहा है| अत: यदि हमे अपने पर्यावरण को बचाना है, तो प्रदूषण को कम करने के ठोस उपाय करने होंगे।

वायु प्रदूषण के दुष्परिणाम

No.6.- वातावरण में प्रदूषण के बढने के कारण कई प्रकार के हानिकारक पदार्थ वायु में मिल जाते हैं, इससे कई बार अम्ल की वर्षा होती है। अम्ल की वर्षा को आम बोलचाल कि भाषा में तेजाब की वर्षा भी कहते हैं। पानी में घुलने से सीधे यह हमारे शरीर में चली जाती हैं इससे कई तरह के शारीरिक रोग हो जाते हैं।

No.6.- पृथ्वी के वातावरण का तापमान वायु प्रदूषण के कारण दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है। यदि इसी प्रकार से वायु में प्रदूषण बढ़ता रहा तो अनुमान है कि सन् 2050 तक हमारी पृथ्वी के वातावरण का तापमान 4 से 5 डिग्री तक बढ़ जाएगा। इससे हिम ग्लेशियर पिघल जाएँगे  तथा भयंकर बाढ़ आने का खतरा पैदा हो सकता है|

वायु प्रदूषण रोकने के उपाय:-

No.1.- यदि वायु प्रदूषण पर हमें नियंत्रण करना है, तो सबसे पहले हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए| पेड़ पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को हवा से सोख लेते हैं तथा ऑक्सीजन को हवा में छोड़ते हैं| इस कारण से हवा साफ़ रह सकती है|

No.2.- जनसंख्या की वृद्धि से आज पूरा विश्व जूझ रहा है। यदि हम जनसंख्या पर नियंत्रण पा लेते हैं, तो कार्बन डाइऑक्साइड की भी वातावरण में कमी होगी तथा हमें उद्योग धंधे भी अधिक लगाने की जरूरत नहीं होगी। इससे प्रदूषित वायु की मात्रा में भी कमी आएगी।

No.3.- हमारे कारखानों की चिमनियों की अधिक ऊंचाई होनी चाहिए तथा ऐसे कारखाने बंद कर देने चाहिए जो अधिक मात्रा में विषैले पदार्थ वायुमंडल में छोड़ते हैं|

No.4.- हमें ऊर्जा के लिए नए स्रोत खोजने चाहिए। हमें कोयले और परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल कम करना चाहिए।

वायु प्रदूषण कम करने के उपाय

No.5.- हमारे द्वारा ऊर्जा के ऐसे साधनों का इस्तेमाल अधिक से अधिक किया जाना चाहिए जिसके कारण वायु प्रदूषण ना के बराबर होगा| ऐसा हम सौर उर्जा का प्रयोग करके कर सकते हैं|

No.5.- निर्माण कार्य करने में बहुत सारी धूल एवं मिटटी वातावरण में उड़ती रहती है जिसके कारण वायु प्रदूषित होती रहती है| अत: किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करते समय उसकी चारों तरफ से उचित  घेरा बंधी कर देनी चाहिए|

No.6.- अधिक पूराने वाहनों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए| ज्यादा पूराने वाहन से अधिक मात्रा में विषैला धूँआ निकलता है| यह विषैला धूँआ  पूरे वातावरण को प्रदूषित करता रहता है

वायु प्रदूषण के कारण व प्रभाव:-

No.7.- हमें सार्वजनिक वाहनों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने की आदत डालनी चाहिए| इससे कम से कम प्रदूषण होगा तथा खर्चा भी बचेगा।

No.7.- सरकार के द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण के सख्त नियम बनाने चाहिए तथा प्रदूषण नियन्त्रण से सम्बन्धीत प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता कर दी जानी चाहिए|

No.8.- प्रदूषण के सम्बन्ध में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाना चाहिए| विद्यालयों के अंदर प्रदूषण के बारे में निर्धारित पाठ्यक्रम होना चाहिए। इससे आरम्भ से ही बच्चों को प्रदूषण कम करने सम्बन्धित बातों के बारे में पता चलता रहेगा|

No.9.- प्रदूषण का हमारे स्वास्थ्य पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता है इसके बारे में हमें गांव तथा शहरों में जाकर लोगों को समझाना चाहिए| इस प्रकार से ही हम वायु प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते है।

 

 

 

 

 

 

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