वाच्य की परिभाषा तथा भेद
वाच्य की परिभाषा तथा भेद:- आज इस लेख के माध्यम से हम आपसे वाच्य की परिभाषा तथा भेद के बारे में चर्चा करेंगे। वाच्य किसे कहते हैं, इसकी क्या परिभाषा हैं तथा इसके कितने भेद हैं, इन सब के बारे में विस्तार से जानेंगे?
इससे पहले की पोस्ट में आप “प्रत्यय की परिभाषा तथा उदाहरण” के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
वाच्य की परिभाषा व प्रकार:-
क्रिया के जिस रूप से हमे जब यह पता चले कि क्रिया का मुख्य विषय कर्ता है, कर्म है या भाव है, तो उसे वाच्य कहते हैं।
वाच्य का शाब्दिक अर्थ है- बोला जाने का विषय या बोला जाने योग्य विषय। हमे वाच्य से इस बात का पता चलता है कि वक्ता अपनी किसी बात को प्रकट करते समय अपने किस बिंदु पर अधिक जोर दे रहा है।
जैसे:-
स्नेहा किताब पढ़ रही है।
सौरभ बच्चों को होमवर्क करवा रहा है।
उपरोक्त वाक्यों में स्नेहा तथा सौरभ कर्ता है। इस प्रकार से ये वाच्य के उदाहरण हैं।
वाच्य के तीन भेद या प्रकार होते हैं:-
1.- कर्तृवाच्य
2.- कर्मवाच्य
3.- भाववाच्य
हिंदी में वाच्य की परिभाषा व प्रकार:-
1.- कर्तृवाच्य:- जिस वाक्य में क्रिया का सीधा-सीधा संबंध कर्ता से होता है, तो उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
जैसे:-
अध्यापिका बच्चों को पढ़ा रही है।
सीमा झूला झूल रही है।
सुनीता पाठ याद कर रही है।
देविका रानी सुलेख लिख रही है ।
सोहन लाल खाना खा रहा है।
निकिता गीता पढ़ रही है।
रणजीत चाय बना रहा है।
हीना चाय बना रही है।
जगत बर्तन साफ कर रहा है।
नमीता कपड़े धो रही है।
उपरोक्त वाक्य में अध्यापिका, सीमा, सुनीता, देवि, सोहन, निकिता, रणजीत, हीना, जगत,नमीता आदि कर्ता शब्दों का सीधा संबंध क्रिया से है। इस प्रकार ये सब कर्तृवाच्य के उदाहरण हैं।
वाच्य की परिभाषा व प्रकार
2.- कर्मवाच्य:-जिस वाक्य में क्रिया का सीधा संबंध कर्म से होता है, उसे कर्मवाच्य कहते हैं ।इसमें वाक्य का उद्देश्य कर्म होता है तथा मुख्य क्रिया सकर्मक होती है।
जैसे:-
नीलम द्वारा दूध पीया जाएगा।
नमिता द्वारा गीता पढ़ी गई।
शर्मीला द्वारा दूध पीया जा रहा है।
भतेरी द्वारा बर्तन साफ़ किये जा रहे हैं।
सोहन लाल से पतंग उड़ाई जा रही है।
हेमा द्वारा सुलेख लिखा गया।
रोशन लाल द्वारा गज़ल सुनाई गई।
अध्यापिका द्वारा लड़कियों को पढ़ाया गया।
जानवी द्वारा गीत गाया गया।
मजदूरों द्वारा फसल काटी जा रही है।
भारत द्वारा फूल इकट्ठे किये जाएंगे।
दिव्या द्वारा पाठ पढ़ा जाएगा।
देवन द्वारा सुलेख लिखा जायेगा है।
मंजुबाला द्वारा सब्जी बनाई जायेगी।
उपरोक्त सभी वाक्यों में क्रिया का सीधा-सीधा संबंध कर्म से है । इसीलिए ये सभी कर्मवाच्य के उदाहरण हैं।
वाच्य की परिभाषा व प्रकार:-
3.- भाववाच्य:- इस प्रकार वाक्य में क्रिया का भाव ही प्रधान होता है , अत: इन्हें भाववाच्य कहते हैं।
जैसे:-
लड़कों से दौड़ा जाएगा ।
चहल सिंह से लेख लिखा जाएगा।
राधा रानी से बांसुरी बजाई जाएगी।
दीनानाथ से ये खेल खेला नहीं जाता।
कविता देवी से नाचा नहीं जाता।
उपरोक्त सभी वाक्यों में क्रिया का भाव प्रधान है |अत: ये सभी वाक्य भाववाच्य के उदाहरण हैं।
वाच्य के अनुसार वाक्य में परिवर्तन:–
1.- कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना
2.- कर्मवाच्य से भाववाच्य बनाना
3.- भाववाच्य से कर्मवाच्य बनाना
1.- कर्तृवाच्य को कर्म वाच्य में परवर्तित करते समय कर्ता के साथ करण कारक की विभक्ति ‘से’, ‘द्वारा’ लगाई जाती है।
जैसे:-
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन
कर्तृवाच्य कर्मवाच्य
उसने पाठ पढ़ा उसके द्वारा पाठ पढ़ा गया।
माता ने बहन को खाना खिलाया माता द्वारा बहन को खाना खिलाया जायेगा|
किसान फसल काटेंगे किसानों द्वारा फसल काटी जाएगी।
राधा रानी बांसुरी बजाती है राधा रानी द्वारा बांसुरी बजाई जाएगी|
दिनेश अपना पाठ याद करेगा दिनेश द्वारा अपना पाठ याद किया जायेगा|
वाच्य की परिभाषा व प्रकार:-
2.- कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना:- कर्तृवाच्य को भाववाच्य में परवर्तित करते समय कर्ता के साथ करण कारक की विभक्ति ‘से’, ‘द्वारा’, ‘के द्वारा’ लगाई जाती है।
जैसे:-
कर्तृवाच्य भाववाच्य
पक्षी उड़ते हैं पक्षियों द्वारा उड़ा जाता है ।
लड़के दौड़ते हैं लकड़ों द्वारा दौड़ा जाता है।
राधा रानी बांसुरी बजाती है राधा रानी द्वारा बांसुरी बजाई जाती है|
यशपाल सोता है यशपाल द्वारा सोया जाता है।
संतलाल खेलता है संतलाल द्वारा खेला जाता है।
छवि नाचती है छवि द्वारा नाचा जाता है|
मदन लाल चाय पीता है मदन लाल द्वारा चाय पी जाती है
मधु सर्दियों में नहीं नहाती मधु द्वारा सर्दियों में नहीं नहाया जाता।
धारा सिंह खेलता है धारा सिंह द्वारा खेला जाता है|
सुषमा घर का कार्य करती है सुषमा के द्वारा घर का कार्य किया जाता है|
वाच्य की परिभाषा व प्रकार:-
3.- कर्मवाच्य या भाववाच्य से कर्तृवाच्य बनाना:- कर्मवाच्य या भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परवर्तित करते समय करण कारक की विभक्ति ‘से’, ‘द्वारा’, ‘के द्वारा’ हटा दी जाती है।
जैसे-
कर्मवाच्य कर्तृवाच्य
रमन से चला नहीं जाता रमन चल नहीं सकता।
हेमा से गाना नहीं गाया जाता हेमा गाना नहीं गा सकती।
वृद्धों से दौड़ा नहीं जाता वृद्ध दौड़ नहीं सकते।
जानवी से क्रिकेट नहीं खेला जाता जानवी क्रिकेट नहीं खेल सकती|
हेमा द्वारा टेनिस खेली जाएगी हेमा टेनिस खेलेगी।
हरीश से लेटा नहीं जाता हरीश लेट नहीं सकता|
पवन से पढ़ा नहीं जाता पवन पढ़ नहीं सकता|