हिंदी व्याकरण

वाक्य की परिभाषा तथा भेद

वाक्य की परिभाषा तथा भेद
Written by Rakesh Kumar

वाक्य की परिभाषा तथा भेद

 

वाक्य की परिभाषा तथा भेद:- आज इस लेख के माध्यम से HINDIGKPDF  आप से वाक्य की परिभाषा तथा भेद के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। पिछली पोस्ट में  हम  “कारक की परिभाषा व भेद” के बारे में पढ़ चुके हैं।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे अपने विचार प्रभावशाली ढंग से दुसरे व्यक्ति के सामने व्यक्त करने के लिए वाक्य की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन वाक्य में शब्दों का व्यवस्थित क्रम होना अति आवश्यक है जिनसे उनका एक विशेष अर्थ प्रकट होता हो|

हिंदी व्याकरण में वाक्य की परिभाषा व भेद:-वाक्य की परिभाषा व भेद:-“शब्दों के व्यवस्थित एवं सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं।”

उपरोक्त से यह साफ़ तौर से स्पष्ट है कि वाक्य में शब्दों का समूह होता है तथा वे शब्द व्यस्थित होने चाहिए|

जैसे:-

शायम पुस्तक पढ़ता है।

सोनू विद्यालय जाता है।

सीता गाना गाती है।

कृष्ण बांसुरी बजाता है।

राधारानी  नाचती है।

वाक्य के अंग:-

साधारण या सरल वाक्य के दो अंग होते हैं:-

(1).उद्देश्य

(2).विधेय

(1). उद्देश्य:- किसी वाक्य में जिसके बारे में बात की जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं ।

जैसे-

जोहन फुटबॉल खेलता है।

इस वाक्य में ‘जोहन‘ उद्देश्य है।

(2).विधेय:- वाक्य में उद्देश्य या कर्ता के बारे में जो कहा जाए ,उसे विधेय कहते हैं।

जैसे:-

रहीम फुटबॉल खेलता है।

इस वाक्य में ‘फुटबॉल खेलता है‘ विधेय है।

वाक्य के भेद या प्रकार :-

वाक्य के दो आधार पर भेद किए जाते हैं:-

1.- रचना के आधार पर

2.- अर्थ के आधार पर

1.- रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं:-

(1).सरल वाक्य

(2).संयुक्त वाक्य

(3).मिश्रित वाक्य

वाक्य की परिभाषा व भेद

 

(1). सरल वाक्य:- जिस किसी वाक्य में एक उद्देश्य तथा एक विधेय हो, उसे सरल वाक्य कहते हैं।

जैसे:-

अंकित पुस्तक पढ़ता है।

जोनी केला खाता है।

किशन खेत में हल चलाता है।

लड़का खिलौने से खेलता है।

नरेश एक प्राथमिक अध्यापक है।

(2). संयुक्त वाक्य:-जब दो या दो से अधिक सरल वाक्य या वाक्यांश समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े

होते हैं तो, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं ।

जैसे:-

कृष्ण बांसुरी बजा रहा हैं और राधारानी नाच रही है।

नितेश ने अपना काम पूरा किया और वह अपने घर चला गया।

परमजीत विद्यालय जाता है और वहां पर मन लगाकर पढ़ता है।

(3). मिश्रित वाक्य:- जिस किसी भी वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य हो,

तो उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।

जैसे :-

यशपाल ने खाना खाया और सो गया।

जब मै घर से निकला तब भारी वर्षा हो रही थी।

यदि आप आओगे तो हम भी साथ चलेंगे।

महोदय जी, वह काम हो गया है जिसे करने के लिए आपने कहा था।

हिंदी में अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद:-

2.- अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद:-

अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं:-

(1). विधान वाचक वाक्य

(2). निषेधवाचक वाक्य

(3). प्रश्नवाचक वाक्य

(4). आज्ञा वाचक वाक्य

(5). विस्मयादिवाचक वाक्य

(6). संदेह वाचक वाक्य

(7). इच्छा वाचक वाक्य

(8). संकेतवाचक वाक्य

(1). विधान वाचक वाक्य:- जिन वाक्यों से किसी काम के होने का बोध हो, उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं ।

जैसे:-

सोनू आज दिल्ली जाएगा।

देवकी ने पाठ याद कर लिया है।

(2). निषेधवाचक वाक्य:-जिन वाक्यों से किसी काम के ना होने का बोध हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे:

बालकों यहां मत खेलो।

राजेश आज विद्यालय में नहीं आया।

हिंदी व्याकरण में वाक्य की परिभाषा

 

(3). प्रश्नवाचक वाक्य:-जिन वाक्यों का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाए, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं ।

जैसे :-

क्या सोनू स्कूल में आया था?

क्या प्रीति ने खाना खाया था?

वाक्य की परिभाषा व भेद:

(4). आज्ञावाचक वाक्य:- जिन वाक्यों से आज्ञा देने का बोध होता हो, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे:-

सभी बच्चे अपना पाठ याद करो।

सोहन, तुम अभी बाजार चले जाओ।

रिया, तुम अपना का कमरा साफ करो।

(5) विस्मयादिवाचक वाक्य:-जिन वाक्यों से आश्चर्य, हर्ष, शोक, विस्मय आदि भाव प्रकट होते हों तो, उन्हें विस्मयादिवाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे:-

वाह! क्या शानदार नजारा है ।

अरे! यह क्या कर दिया।

(6). संदेहवाचक वाक्य:- जिन वाक्यों से किसी काम के होने के बारे में संदेह प्रकट होता हो तो उन्हें संदेह वाचक वाक्य कहते हैं ।

जैसे:-

शायद आज दोपहर को वर्षा ना हो ।

अनीता ने खाना खा लिया होगा।

प्रीती ने पाठ पढ़ लिया होगा।

(7). इच्छावाचक वाक्य:- जिन वाक्यों से  किसी आशीर्वाद, कामना, इच्छा आदि का बोध हो, उन्हें इच्छा वाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे:-

पुत्रवती भव।

भगवान आपकी रक्षा करें।

अपना भारत देश प्रगति करता रहे।

(8). संकेतवाचक वाक्य:- इन वाक्यों में एक कार्य का होना दूसरे कार्य के होने या ना होने पर निर्भर करता है अत: इन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं|

जैसे :-

यदि तुम परिश्रम करोगे तो सफल हो जाओगे।

अगर श्याम बाजार जाएगा तो मैं भी जाऊंगा।

यदि वह बारात में जायेगा तो मैं भी चलूंगा।

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Rakesh Kumar