हिंदी व्याकरण

वचन की परिभाषा भेद व उदाहरण

वचन की परिभाषा भेद व उदाहरण
Written by Rakesh Kumar

वचन की परिभाषा भेद व उदाहरण

 वचन की परिभाषा भेद व उदाहरण:- आज HINDIGKPDF  के माध्यम से हम  आपसे वचन की परिभाषा भेद व उदाहरण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे । पिछली पोस्ट में हमने आपसे शब्द और उसके भेद के बारे में चर्चा की थी।

आइये अब वचन का अर्थ जानने के संदर्भ में निम्नलिखित वाक्यों का अध्ययन करें-

झरना गिरता है।,

झरने  गिरते हैं।,

लड़का खेलता है।,

लड़के खेलते हैं। ,

भैंस घास खाती है।,

भैंसे घास खाती हैं।

उपरोक्त वाक्यों को पढ़ने के उपरांत हमें वस्तुओं की संख्या के एक या अनेक होने का पता चलता है।

वचन व्याकरण का एक अभिन्न अंग है।

वचन की परिभाषा व भेद:-

हिंदी में वचन का शाब्दिक अर्थ होता है, संख्या बताने वाला अर्थात संख्या सूचक।

संक्षेप में संख्या सूचक शब्दों को वचन कहते हैं।

“शब्द के जिस रुप से किसी वस्तु के एक या अनेक होने का बोध होता हो, उसे वचन कहते हैं ।”

जैसे –कलम, लड़का, घोड़ा, गाड़ी,गधा, बकरी, बकरे, लड़की, बेटियां, बेटे आदि।

हिंदी में वचन दो प्रकार के होते हैं –

1.- एकवचन

2.- बहुवचन

1.- एकवचन :-एकवचन शब्द का अर्थ है – एक संख्या या एक वस्तु।

“शब्द के जिस रुप से किसी वस्तु के एक होने का बोध हो उसे एकवचन कहते हैं।”

जैसे-  दवात, किताब, बकरी, कुत्तिया, बेटा, पत्ता, गिलास, गधा, मनुष्य, लड़की, राजा, आदि।

2.-  बहुवचन- बहुवचन शब्द का अर्थ है- बहुत सी संख्याएं या एक से अधिक संख्याएं ।

“शब्द के जिस रुप से किसी वस्तु के एक से अधिक होने का अर्थात बहुत होने का बोध होता हो, उसे बहुवचन कहते हैं।”

जैसे – दवातें, बेटियां, रोटियां बकरियां, घोड़े, गधे, पत्ते, दरवाजे, कापियां, किताबें, रातें, बातें आदि|

 

वचन बदलने के नियम

 

वचन के प्रयोग से संबंधी कुछ नियम-

व्याकरण की दृष्टि से वचन के प्रयोग के संदर्भ में कुछ नियम बनाए गए हैं।

वचनों के प्रयोग संबंधित कुछ प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं–

जैसे –

गाँधी जी एक आदर्श व्यक्तित्व  हैं।

सरदार पटेल  अन्याय और अनीति के विरोधी थे ।

प्रधानाचार्य जी आज बच्चों को पुरस्कार वितरित करेंगे ।

भीम  एक वीर योद्धा थे ।

आज अध्यापक विद्यालय नहीं आएंगे।

उपरोक्त वाक्यों में एक व्यक्ति का वर्णन किया गया है लेकिन सम्मान दिखाने के लिए बहुवचन का प्रयोग किया गया है।

हिंदी भाषा में पेड़, लोग, समाचार, दर्शन, दाम ,होश, हस्ताक्षर, भाग्य, प्राण आदि के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।

जैसे –

आप ने तो हमें बहुत दिनों बाद दर्शन दिए।

प्रधानाचार्य जी ने मेरे पहचान पत्र पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए।

सोने के दाम बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं।

भालू को सामने देख मेरे तो होश ही उड़ गए।

कल उसकी नानी जी के प्राण निकल गए।

द्रव्यवाचक संज्ञाओं जैसे घी, तेल, दूध, जनता, वर्षा आदि का प्रयोग एकवचन के रूप में किया जाता है ।

जैसे –

आज सारा दिन भारी वर्षा हुई।

मैंने आज 6 लीटर दूध खरीदा।

देसी घी सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है ।

खाद्य तेल बहुत मंहगा है।

लोकतंत्र में जनता का बहुत महत्व होता है|

बड़प्पन दिखाने के लिए भी बहुवचन का प्रयोग किया जाता है ।

जैसे –

मामा जी हमारे काम से बहुत प्रसन्न हुए।

सरपंच साहब ने बताया कि वे सभी के विकास के लिए कार्य करेंगे।

कुछ एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ  गुण ,जन ,समूह, वृंद, दल, गण, जाति आदि जोड़कर उनसे बने शब्दों का प्रयोग बहुवचन के रूप में किया जाता है। जैसे –

अध्यापकगण बहुत परिश्रमी हैं।

आज बालदल ने झंडे के साथ मार्च पास्ट किया ।

स्त्री जाति का इतिहास सदा गौरवशाली रहा है।

हिंदी में वचन बदलने के नियम

 

जातिवाचक संज्ञा हमेशा एकवचन व बहुवचन दोनों में प्रयुक्त होती हैं-

जैसे –

गाय  चर रही है ।

बकरियां चल रही है ।

पीतल महंगा है ।

लोहा सस्ता है ।

व्यक्तिवाचक संज्ञा एवं भाववाचक संज्ञा एकवचन में प्रयुक्त होती हैं ।

जैसे–

अंकिता एक होनहार लड़की है।

निकिता दसवीं कक्षा में पढ़ती है ।

बचपन खेल-खेल में बीत जाता है ।

एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम-

1.- आकारांत पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘ ए ‘ जोड़कर-

जैसे-

एकवचन- बहुवचन

पासा- पासे

पत्ता – पत्ते

लड़का – लड़के

बेटा – बेटे

गाना- गाने

पंखा -पंखे

मेला -मेले

तारा – तारे

जूता – जूते

संतरा – संतरे

ताला – ताले

घोड़ा – घोड़े

गधा – गधे

दरवाजा – दरवाजे

2.- अकारांत शब्दों के अंत में ‘ एं ‘ जोड़ कर–

जैसे–

पलक- पलकें

पुस्तक – पुस्तकें

रात – रातें

पतंग – पतंगें

बहन – बहने

मेज – मेजें

कलम – कलमें

दवात – दवातें

आंख – आंखें

सड़क – सड़कें

फसल – फसलें

झील – झीलें

3.- आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘ एँ ‘ जोड़कर-

जैसे-

दिशा- दिशाएँ

माला -मालाएँ

भाषा – भाषाएँ

कला – कलाएँ

सभा – सभाएँ

पाठशाला – पाठशालाएँ

लेखिका – लेखिकाएँ

अध्यापिका – अध्यापिकाएँ

कन्या – कन्याएँ

माता – माताएँ

गाथा – गाथाएँ

कथा – कथाएँ

4.- इकारांत और ईकारांत शब्दों के अंत में ‘याँ ‘ जोड़कर-

जैसे-

कली- कलियाँ

बेटी – बेटियाँ

कहानी – कहानियाँ

नदी -नदियाँ

रीति – रीतियाँ

स्त्री – स्त्रियाँ

मकड़ी – मकड़ियाँ

पत्ती – पत्तियाँ

साड़ी – साड़ियाँ

मक्खी – मक्खियाँ

नारी – नारियाँ

5.- जिन शब्दों के अंत में ‘या‘ आया हो तो बहुवचन बनाते समय या का  ‘याँ‘ कर दिया जाता है-

जैसे-

बुढिया- बुढियाँ

बंदरिया – बंदरियाँ

चुहिया – चिड़ियाँ

लुटिया – लुटियाँ

चिड़िया – चिड़ियाँ

डिबिया – डिबियाँ

पुड़िया – पुड़ियाँ

6.- उकारांत तथा ऊकारांत शब्दों के अंत में ‘ एँ ‘ को जोड़कर-

जैसे-

वस्तु – वस्तुएँ

धेनु – धेनुएँ

बहू – बहुएँ

ऋतु – ऋतुएँ

वधू – वधुएँ

7.- एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ गण, वृंद, जन, वर्ग, दल, लोग आदि शब्दों को जोड़कर-

जैसे –

मित्र- मित्रगण

कवि – कविगण

एकवचन से बहुवचन बनाना

 

अध्यापक – अध्यापकगण

कवि – कविगण

विद्यार्थी – विद्यार्थीगण

पाठक – पाठकवर्ग

पक्षी – पक्षीवृंद

बाल – बालदल

अमीर – अमीरलोग

कर्मचारी – कर्मचारीवर्ग

गुरु – गुरुजन

निष्कर्ष

 संक्षेप में हम कह सकते हैं कि हिंदी में वचन का शाब्दिक अर्थ होता है, संख्या बताने वाला अर्थात संख्या सूचक। संख्या सूचक शब्दों को वचन कहते हैं। “शब्द के जिस रुप से किसी वस्तु के एक या अनेक होने का बोध होता हो, उसे वचन कहते हैं ।” वचन दो प्रकार के होते हैं 1.- एक वचन 2.- बहु वचन| अत: हमें वचन बदलने के नियमों का पता होना चाहिए तथा एक वचन और बहुवचन क्या होते हैं इनके बारे में भी अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए| इस जानकारी को हमें दुसरे साथियों के साथ भी अवश्य ही शेयर करना चाहिए|

 

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