भारत के प्रमुख दर्रे
भारत के प्रमुख दर्रे:- आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपसे भारत के प्रमुख दर्रे के बारे में
विस्तार से चर्चा करेंगे| दर्रे से क्या अभिप्राय है, भारत के प्रमुख दर्रे कौन-कौन से हैं तथा ये कहाँ-कहाँ
पर स्थित है इन सब के बारे में विस्तार से पढेंगे?
इससे पहली की पोस्ट में हम आप को “ज्वालामुखी और इसके प्रकार” के बारे में विस्तार से बता चुके हैं|
भारत के प्रमुख दर्रे:-
दर्रे से अभिप्राय या अर्थ:–पर्वतों से नदी के बहने से बने संकरे मार्ग को या दो पहाड़ों के बीच
की खाली जगह को दर्रा कहते हैं| पर्वतीय क्षेत्रों व पहाड़ियों में पाए जाने वाले आने व
जाने के प्राकृतिक रास्तों को दर्रा कहते हैं|
दर्रे से होकर ही ऊँचे पर्वतों को पार किया जा सकता है| दर्रे, व्यापार, युद्ध अभियानों, परिवहन
तथा मनुष्यों के प्रवास में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं|
भारत में पाए जाने वाले दर्रों को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-
(क) – हिमालय पर्वत के राज्यों में तथा भारत के केंद्र शासित प्रदेश में पाए जाने वाले दर्रे|
(ख) – भारत के प्रायद्वीप भागों में पाए जाने वाले दर्रे|
(क) – हिमालय पर्वत के राज्यों में तथा भारत के केंद्र शासित प्रदेश में पाए जाने वाले दर्रे|
इनका वर्णन निम्न प्रकार से है-
1.- जोजिला दर्रा:- जोजिला दर्रे का निर्माण सिन्धु नदी के द्वारा हुआ है| यह दर्रा जास्कर
पर्वत श्रेणी में स्थित है जो कि जम्मू एंड कश्मीर राज्य में पड़ता है| इस दर्रे से कश्मीरघाटी
से लेह मार्ग होकर गुजरता है
Main Mountain Passes of India
2.- कराकोरम दर्रा:- कराकोरम दर्रा भारत का सबसे ऊँचा दर्रा है| यह लद्दाख के क्षेत्र में
विस्तृत कराकोरम की पहाड़ियों के बीच में स्थित है | इसकी ऊँचाई 5664 मीटर है| तारिम
बेसिन का मार्ग यहां से होकर गुजरता है| यह दर्रा पकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तथा
चीन को जोड़ता है|
3.- बुर्जिला दर्रा:- यह दर्रा श्रीनगर को गिलगित से जोडता है| इसके इलावा यह भारत को
मध्य एशिया से जोडता है| यह समुद्र तल से 4100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है|
4.- बनिहाल दर्रा:- यह दर्रा जम्मू और कश्मीर राज्य को जोड़ता है तथा दक्षिण पश्चिम में विस्तृत
पीर पंजाल की पर्वत श्रेणियों में स्थित है| भारत देश की प्रसिद्ध जवाहर सुरंग इसी दर्रे में स्थित है|
भारत के प्रमुख दर्रे:-
5.- शिपकी ला दर्रा:- यह दर्रा हिमाचल प्रदेश की विस्तृत जास्कर श्रेणी में स्थित है |
यह दर्रा शिमला-तिब्बत मार्ग को जोडता है| भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग न 5 इसी दर्रे से होकर गुजरता है|
भारत की व्यापारिक पोस्ट इसी दर्रे में स्थित है| भारत की सतलुज नदी इसी दर्रे के पास से
गुजरती है|
6.- रोहतांग दर्रा:- यह दर्रा हिमाचल प्रदेश की विस्तृत पीर पंजाल की पर्वत श्रेणियों में स्थित है |
इस दर्रे की ऊँचाई समुद्र तल से 4620 मीटर है|
यह दर्रा मनाली और लेह मार्ग को जोड़ता है|
7.- बरलाचा दर्रा:- यह दर्रा जास्कर श्रेणी में हिमाचल प्रदेश में स्थित है | लेह और मंडी के बीच
का मार्ग इसी दर्रे से होकर जाता है|
समुद्र तल से इस दर्रे की ऊँचाई 4843 मीटर है|
8.- पीर पंजाल दर्रा:- यह दर्रा पीर पंजाल पर्वत श्रेणी में आता है| पुलगांव से कोठी जाने वाला
रास्ता इसी दर्रे से होकर गुजरता है|
भारत के प्रमुख दर्रों के नाम
9.- माना दर्रा:- माना दर्रा उत्तराखंड में हिमालय की जास्कर श्रेणी के अंतिम गावं माना की तरफ स्थित है|
मानसरोवर झील के दर्शन हेतु तीर्थयात्री इसी दर्रे से होकर जाते हैं | यह भारत-चीन की सीमा
पर स्थित है |
10.- लिपुलेख दर्रा:- यह दर्रा उत्तराखंड व तिब्बत की सीमा पर स्थित है | कैलाश मानसरोवर
की यात्रा के लिए इस दर्रे का इस्तेमाल किया जाता है| इसी दर्रे में भारत की व्यापारिक पोस्ट स्थित
है | यह दर्रा 5334 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है|
11.- नीति दर्रा: –इस दर्रे की ऊँचाई लगभग 5068 मीटर है| नीति दर्रा उत्तराखंड व तिब्बत की
सीमा पर स्थित है तथा उत्तराखंड से कैलाश-मानसरोवर जाने का रास्ता देता है |
12.- जोलेप ला दर्रा:- यह दर्रा सिक्किम और भूटान को जोड़ता है | दार्जिलिंग व चुम्बी घाटी से
होकर तिब्बत को रास्ता इसी दर्रे से जाता है| समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 4270 मीटर है|
भारत के प्रमुख दर्रे:-
13.- नाथूला दर्रा:- यह दर्रा सिक्किम में विस्तृत डोगेक्या श्रेणी में आता है तथा इसकी ऊँचाई
लगभग 4300 मीटर है| व्यापार का अधिकतर भाग इसी दर्रे से किया जाता है|भारत के दृष्टिकोण
से तवांग घाटी से इसका बहुत अधिक सामरिक महत्त्व है|
14.- यांग्याप दर्रा:- यांग्याप दर्रा अरुणांचल प्रदेश में स्थित है| ब्रह्मपुत्र नदी इसी दर्रे से होकर
भारत में प्रवेश करती है| चीन जाने के लिये मार्ग इसी दर्रे से है |
15.- दिफ़ू दर्रा:- दिफ़ू दर्रा अरुणांचल प्रदेश राज्य में स्थित है| यह दर्रा भारत तथा म्यांमार को जोडता है|
BHARAT KE PRMUKH DARRE
16.- बोमडिला दर्रा:- अरुणांचल प्रदेश के उत्तर-पश्चिम में यह दर्रा स्थित है |
यह दर्रा अरुणाचल प्रदेश को तवांग घाटी से जोड़ता है तथा यह रास्ता तिब्बत की राजधानी लहासा
को जोड़ता है |
17.- तुजु दर्रा:– तुजु दर्रा मणिपुर में स्थित तथा म्यांमार और इम्फाल को जोड़ता है|
18.- गोरान घाट दर्रा:- राजस्थान की अरावली पर्वत श्रेणी में यह दर्रा स्थित है|
(ख) – भारत के प्रायद्वीप भागों में पाए जाने वाले दर्रे|
इनका वर्णन निम्न प्रकार से है–
1.- पालघाट:- पालघाट दर्रा नीलगिरि तथा अन्नामलाई की पहाड़ियों के बीच में स्थित है|
यह दर्रा कोचीन को कोयंबटूर से जोडता है| इस दर्रे को पालक्काड के नाम से भी जाना जाता है|
2.- शेंकोटा दर्रा:- यह दर्रा इलायची की पहाडियों में स्थित है|
शेंकोटा दर्रा मदुरै तथा तिरुवन्तपुरम को आपस में जोड़ता है|
3.- भोरघाट:- भोरघाट दर्रा भी पश्चिमी घाट की श्रेणियों में है | इस दर्रे के द्वारा पुणे और मुंबई
आपस में जुड़ते है|
देश का नेशनल हाई वे न० 9 इसी से होकर गुजरता है|
4.- थालघाट:- पश्चिमी घाट की श्रेणियों में यह दर्रा स्थित है|
यह दर्रा मुंबई और नासिक को जोड़ने का काम करता है|
भारत देश का नेशनल हाई वे न० 3 इसी दर्रे से होकर गुजरता है |