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भारत की प्रमुख नदियां

भारत की प्रमुख नदियां
Written by Rakesh Kumar

भारत की प्रमुख नदियां

 

भारत की प्रमुख नदियां:- आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपसे भारत की प्रमुख नदियां नामक विषय के

बारे में चर्चा करेंगे| भारत की प्रमुख नदियां कौन-कौन सी हैं तथा ये नदियां कहां-कहां से निकलती हैं, इन

सब के बारे में विस्तार से पढेंगे|

इससे पहले की पोस्ट के माध्यम से हम आप को “States Name And Capital Of India” के बारे में

विस्तार से बता चुके हैं।

भारत की प्रमुख नदियां:-

प्राचीनकाल से ही भारत देश को नदियों का देश कहा जाता रहा है|  भारत देश में छोटी-बड़ी अनेक नदियां

पाई जाती हैं| भारत देश  के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में सदा ही नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इन नदियों को भारत की जीवन रेखाएं माना जाता हैं |सिंधु नदी तथा गंगा नदी की घाटियों में ही विश्व की प्राचीन

सभ्यताओं – सिंधु घाटी सभ्यता तथा आर्य सभ्यता का विकास हुआ।

प्राचीन समय से ही नदियों का देश कहा जाने वाले भारत में मुख्य रूप से  चार प्रकार की नदी प्रणालियाँ पाई जाती हैं।

उत्तर भारत में सिंधु नदी प्रणाली, मध्य भारत में गंगा नदी प्रणाली तथा उत्तर-पूर्व भारत में ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली है।

भारत के प्रायद्वीपीय में नर्मदा नदी , कावेरी नदी तथा  महानदी आदि नदियाँ विस्तृत नदी प्रणाली का हिस्सा है।

भारत की नदी प्रणाली को चार समूहों में विभाजित किया जा सकता है:-

1.- हिमालय से निकलने वाली नदियाँ|

2.- दक्षिण भारत से निकलने वाली नदियाँ|

3.- तटवर्ती क्षेत्र से निकलने वाली नदियाँ|

4.- अन्तर्देशीय नालों से निकलने वाली नदियाँ|

 

भारत का नदी प्रणाली तंत्र

1.-  हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियाँ:-

जैसा कि इनके नाम से ही विदित होता है कि हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ और ग्लेशियरों के

पिघलने से बनी नदियां हैं| अत: इन नदियों में पूरे वर्ष के दौरान लगातार प्रवाह बना रहता है।

वर्षा ॠतु के दौरान हिमालय पर्वतश्रेणी क्षेत्र में बहुत अधिक वर्षा होती है| इन में से कई नदियां

अस्थायी होती हैं।

तटवर्ती क्षेत्रों में बहने वाली नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट की, लम्बाई में छोटी होती हैं और उनका जलग्रहण क्षेत्र भी

सीमित होता है। इनमें से अधिकांश नदियां अस्थायी होती हैं। पश्चिमी राजस्थान के अन्तर्देशीय नाला क्षेत्र की जो नदियाँ हैं

वे अधिकांश अस्थायी प्रकृति की हैं। हिमाचल पर्वत श्रेणी से निकलने वाली नदियों की मुख्य प्रणाली सिंधु नदी , गंगा नदी,

ब्रह्मपुत्र नदी और मेघना नदी की प्रणाली की तरह है।

भारत की प्रमुख नदियां:-

(1). सिंधु नदी:-

यह नदी विश्व की महानतम नदियों में एक मानी जाती है| सिंधु नदी तिब्बत में मानसरोवर के निकट से

निकलती है और भारत से बहते हुए पाकिस्तान में कराची के निकट अरब सागर में गिर जाती है।

भारतीय क्षेत्र में बहने वाली सतलुज नदी , व्यास नदी, रावी नदी, चिनाब नदी तथा झेलम इसकी

सहायक नदियां हैं।

(2). गंगा नदी:-

गंगा नदी उत्तराखंड में स्थित हिमालय पर्वतश्रेणी से निकलती है | यह नदी उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा प.बंगाल

से होकर गुजरती है। ब्रह्मपुत्र मेघना, एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण नदी प्रणाली है जिसका क्षेत्र भागीरथी और अलकनंदा में है,

जो कि देवप्रयाग में जाकर गंगा नदी बन जाती है। राजमहल की पहाड़ियों से भागीरथी नदी निकलती है, जो कि पुराने समय  में मुख्य नदी हुआ करती थी|

भारत की मुख्य नदियां

 

पद्मा नदी पूरब की ओर बहती है और बांग्लादेश में प्रवेश करती है। गंगा नदी की सहायक नदियाँ यमुना नदी, रामगंगा नदी, घाघरा नदी, गंडक नदी, कोसी नदी , महानदी तथा सोन नदी हैं।

चंबल और बेतवा नदी दो महत्त्वपूर्ण उप सहायक नदियाँ हैं जो कि गंगा नदी में मिलने से पहले यमुना नदी में मिल जाती हैं।

पद्मा नदी और ब्रह्मपुत्र नदी, बांग्लादेश में मिलती हैं और पद्मा अथवा गंगा के रुप में बहती रहती है।

 

(3). ब्रह्मपुत्र नदी:-

यह नदी तिब्बत से निकलती है| इस स्थान को सांगपो कहा जाता है| यह  लम्बी दूरी की यात्रा कर भारत के अरुणाचल प्रदेश

में प्रवेश कर जाती है। यहाँ इसे दिहांग के नाम से जाना जाता है।

पासी घाट के नजदीक देबांग और लोहित, ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती हैं और यह दोनों एक होकर पूरे असम से होकर एक

संकीर्ण घाटी के रूप में बहती रहती है। यह घुबरी के अनुप्रवाह में बांग्लादेश में प्रवेश करती है।

भारत में ब्रह्मपुत्र नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ सुबसिरी, जिया भरेली, घनसिरी, पुथिभारी, पागलादिया और मानस हैं।

 

2.- दक्षिण क्षेत्र से निकलने वाली नदियाँ:-

दक्षिण क्षेत्र में बहने वाली अधिकांश नदियां सामान्यतः पूर्व दिशा में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में  जाकर मिल जाती हैं।

नर्मदा नदी तथा ताप्ती नदी पश्चिम की बहने वाली प्रमुख नदियाँ है| गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी, आदि नदियां पूर्व की  ओर बहने वाली प्रमुख नदियां हैं|

भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में प्रवाहित होने वाली गोदावरी नदी दूसरी सबसे बड़ी नदी है जो भारत के क्षेत्र का 10 प्रतिशत

भाग घेरती है। इसके बाद कृष्णा नदी का स्थान है|  जबकि महानदी का तीसरा स्थान है।

 

दक्षिण क्षेत्र से निकलने वाली नदियां

भारत दक्षिण के ऊपरी भूभाग में नर्मदा का क्षेत्र है, इसका प्रवाह अरब सागर की ओर है| बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली

नदियां दक्षिण में कावेरी नदी के समान है और परन्तु इसकी विशेषताएँ और बनावट अलग है।

दक्षिण क्षेत्र से निकलने वाली नदियाँ:-

(1). दामोदर नदी:-

दामोदर नदी, छोटानागपुर पठार के मध्य में भ्रंश घाटी में से प्रवाहित होते हुये हुगली नदी में मिल जाती है| दामोदर नदी

बंगाल की खाड़ी में जल न गिराकर हुगली नदी के माध्यम से अपना जल बंगाल की खाड़ी में गिराती है |

(2). स्वर्णरेखा नदी:-

यह नदी झारखंड की राजधानी राँची के पास से निकलकर तीन राज्यों से प्रवाहित होती है जिसमे झारखंड, उड़ीसा और

पश्चिम बंगाल शामिल है| यह उड़ीसा तटपर अपना मुहाना बनाती है|

छोटानागपुर का पठार एक औद्योगिक क्षेत्र है अत: औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाला अवशिष्ट पदार्थ स्वर्णरेखा नदी में

गिराया जाता है|

इस कारण से ही स्वर्णरेखा नदी बहुत प्रदूषित हो चुकी है| जमशेदपुर शहर स्वर्णरेखा नदी के तट पर स्थित है|

(3). वैतरणी नदी:-

यह नदी उड़ीसा के क्योंझर नामक पठार से निकलती है और उड़ीसा तट पर अपना जल गिराती है|

(4). ब्राह्मणी नदी:-

यह नदी राँची के पास से निकलती है और उड़ीसा तट पर अपना मुहाना बनाती हुई बहती है |

(5). महानदी नदी:-

यह नदी छत्तीसगढ़ के दण्डकारण्य नामक पठार से निकलती हुई उड़ीसा के कटक शहर के पास अपना डेल्टा बनाती है|

छत्तीसगढ़ में महानदी की घाटी को छत्तीसगढ़ बेसिन नाम से जाना जाता हैं| यह बेसिन धान के उत्पादन के लिए विख्यात है|

बेसिन को धान का कटोरा कहा जाता हैं |

भारत की प्रमुख नदियों का विवरण

 

(6). गोदावरी नदी:-

गोदावरी नदी दक्षिण भारत की सबसे लम्बी व भारत की दूसरी सबसे लम्बी नदी है| इस नदी को दक्षिणी गंगा या

वृद्ध गंगा के नाम से भी जाना जाता है| इस नदी की कुल लम्बाई लगभग 1465 किलो मीटर है|

गोदावरी नदी महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट पहाड़ी पर स्थित नासिक के त्रयम्बक नामक स्थान से निकलती है और महाराष्ट्र,

तेलंगाना तथा आंध्रप्रदेश, तीन राज्यों से होकर प्रवाहित होती है|

प्रवरा नदी,  पूर्णा नदी,  वेनगंगा नदी,  प्राणहिता नदी,  इन्द्रावती नदी और मंजीरा नदी इसकी सहायक नदियाँ हैं | गोदावरी  नदी की सबसे लम्बी सहायक नदी वेनगंगा नदी है|

भारत की प्रमुख नदियां:-

(7). कृष्णा नदी:-

कृष्णा नदी दक्षिण भारत की दूसरी सबसे लम्बी नदी है| यह नदी महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट पर्वत से महाबलेश्वर

चोटी से निकलती है| यह नदी चार राज्यों से होकर प्रवाहित होती है जिसमे महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और

आंध्रप्रदेश शामिल है|

कृष्णा नदी विजयवाड़ा के निकट डेल्टा बनाती हुई बहती है | कृष्णा नदी तथा गोदावरी नदी का डेल्टा आपस में

मिला हुआ है |आंध्रप्रदेश के तट पर कृष्णा नदी और गोदावरी नदी के डेल्टा के मध्य भाग में कोलेरू झील स्थित है |

तुंगभद्रा नदी, घाटप्रभा नदी, मालप्रभा नदी, दूधगंगा नदी, पंचगंगा नदी, भीमा नदी, कोयना नदी और मूसी नदी, कृष्णा

नदी की सहायक नदियों में शमिल हैं| तुंगभद्रा नदी, कृष्णा नदी की सबसे लम्बी सहायक नदियों में से एक है, जो दक्षिण

से प्रवाहित होकर कृष्णा नदी में मिल जाती है|

तुंगभद्रा नदी पश्चिमी घाट पर्वत से होकर दो धाराओं से निकलती है जिनको तुंग और भद्रा के नाम से जाना जाता है|

हैदाराबाद जो की आंध्रप्रदेश की राजधानी है मूसी नदी के तट पर स्थित है |

 

भारत की नदियों का जल वितरण

(8). पेन्नार नदी:-

पेन्नार नदी, कृष्णा और कावेरी के मध्य में बहती है|यह नदी आंध्र प्रदेश राज्य में प्रवाहित होने वाली मुख्य नदियों में

से एक है |यह नदी कर्नाटक राज्य में कोलार नामक स्थान से निकलती हुई आंध्रप्रदेश राज्य में अपना मुहाना बनाती है|

(9). कावेरी नदी:-

कावेरी नदी कर्नाटक राज्य में से पश्चिमी घाट पर्वत के पुष्पगिरी या ब्रह्मगिरि नाम से प्रसिद्ध पहाड़ी क्षेत्र से निकलती

हुई  कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में प्रवाहित होती है |इस नदी को दक्षिण भारत की गंगा के नाम से भी जाना जाता हैं |

कावेरी नदी घाटी का धान उत्पादन के लिए विशेष महत्त्व है| इसलिए कावेरी नदी घाटी को दक्षिण भारत का धान का

कटोरा भी  कहा जाता हैं |शिमसा नदी, आर्कावती नदी, हेमवती नदी, अमरावती नदी, काबीनी नदी, भवानी नदी,

लक्ष्मणतीर्थ नदी और लोकपावनी नदी, कावेरी नदी की सहायक नदियाँ हैं|

दक्षिण भारत की अधिकाँश नदियों में केवल दक्षिण-पश्चिमी मानसून काल में ही जल की मात्रा बनी रहती है| कावेरी

नदी एकमात्र ऐसी नदी है, जिसमें जल की मात्रा पुरे वर्ष बनी रहती है| कावेरी नदी को वर्षा वाहिनी नदी के नाम से

जाना जाता है|

कावेरी नदी के जल के दो स्रोत हैं –

(i). ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से

(ii). निचली जलग्रहण क्षेत्र में, उत्तर-पूर्वी मानसून से |

 

(10). वैगाई नदी:-

वैगाई नदी तमिलनाडु में स्थित वरूषनादु नामक पहाड़ी से निकलती है| यह नदी रामेश्वरम के पास पाक जलडमरूमध्य

में अपना मुहाना बनाती है| मदुरै शहर वैगाई नदी के किनारे पर स्थित है |

 

भारत की प्रमुख नदियों का जल प्रवाह

(11). ताम्रपर्णी नदी:-

ताम्रपर्णी नदी, कार्डामम पहाड़ी में स्थित अगस्त्यमलाई नामक चोटी से निकलती है और मन्नार की खाड़ी में गिरती हैं |

तटवर्ती नदियाँ:-

भारत में कई तरह की छोटी तटवर्ती नदियाँ भी बहती है| ऐसी बहुत कम नदियाँ हैं जो पूर्वी तट के डेल्टा के निकट

समुद्र में मिलती हैं, जबकि पश्चिम तट पर इस प्रकार की 600 नदियाँ है।

भारत के राजस्थान राज्य में ऐसी कुछ नदियाँ बहती है जो समुद्र में नहीं मिलती हैं। ये नदियां खारे  पानी की झीलों में

मिल जाती है और रेत में समाप्त हो जाती हैं| ऐसी नदियों में लुणी नदी और मच्छक नदी, स्पेहन नदी, सरस्वती नदी,

बनास नदी और घग्घर नदी जैसी अन्य प्रमुख नदियाँ हैं।

 

 

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