Geography

भारत का भौतिक विभाजन

भारत का भौतिक विभाजन
Written by Rakesh Kumar

भारत का भौतिक विभाजन

भारत का भौतिक विभाजन:- आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आप के साथ भारत का

भौतिक विभाजन के बारे में  चर्चा करेंगे|

इससे पहले की पोस्ट में हम आप को भारत की प्रमुख झीलें के बारे में विस्तार से बता चुके हैं|

भारत का प्राकृतिक विभाजन:-

भारत देश अपनी भौगोलिक संरचना में विविधता को समेटे हुए है। जहां भरात के उत्तर में विशाल

हिमालय पर्वत खड़ा है, वहीं इसके दूसरे छोर पर दक्षिण में हिंद महासागर तथा उबड़ खाबड़

दक्कन का पठार है।

इस के एक ओर गंगा ब्रह्मपुत्र का समतल मैदान है तथा दूसरी ओर पश्चिमी भाग में थार का मरुस्थल है।

हमारा भारत वर्ष क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है। भारत का कुल क्षेत्रफल

3287263 वर्ग किलोमीटर है। भारत को प्राकृतिक दृष्टि से छ: भागों में बांटा गया है:-

1.- उत्तर का हिमालय पर्वत

2.- उत्तर का विशाल मैदान

3.- मरुस्थलीय भाग

4.- प्रायद्वीपीय पठार

5.- समुद्रतटीय मैदान

6.- द्वीप समूह

1.- उत्तर का हिमालय पर्वत:-

भारत के उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत स्थित है। हिमालय पर्वत के तीन भाग हैं- 1- बृहत हिमालय

2- लघु हिमालय और 3- बाह्य हिमालय। हिमालय पर्वत भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारत

में यह मानसूनी हवाओं को रोकता है|

यह साइबेरिया से आने वाली ठंडी हवाओं से भारत की सुरक्षा करता है। हिमालय पर्वत पर ही भारत

की सबसे ऊंची पर्वतीय चोटी K2 स्थित है। शिमला, मसूरी, श्रीनगर जैसे कई शहर हिमालय पर्वत

पर बसे हुए हैं।

भारत के पूर्वी क्षेत्र में फैली हुई पहाड़ियों की ऊंचाई बहुत कम है। गारो, खासी, जयंतिया और नगा

पहाड़ियां इन पहाड़ियों में प्रमुख हैं।

भारत का प्राकृतिक विभाजन

2.- उत्तर का विशाल मैदान:-

सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के द्वारा भारत के उत्तर विशाल मैदान का निर्माण हुआ है। यह खेती

की दृष्टि से दुनिया का सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र है। ये घनी आबादी वाले क्षेत्र माने जाते है। गंगा

नदी और उसकी सहायक नदियां द्वारा गंगा के मैदान का निर्माण किया गया है।

यह मैदान बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली तथा हरियाणा राज्य में फैला हुआ है।

पाकिस्तान में सिंधु नदी और  उसकी सहायक नदियां द्वारा बनाये गये क्षेत्र का अधिकांश भाग है।

ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां द्वारा ब्रह्मपुत्र का मैदान बनाया गया है।

ब्रह्मपुत्र का मैदान असम में फैला हुआ है। सिंधु नदी तथा गंगा नदी द्वारा बनाया गया मैदान 2400

किमी लंबा तथा 240 किमी से लेकर 320 किमी तक चौड़ा है।

3.- मरुस्थलीय भाग:-

भारत के राजस्थान तथा कुछ भाग पाकिस्तान में थार का मरुस्थल फैला हुआ है। विश्व का यह सातवां

सबसे बड़ा मरुस्थल है। यह लगभग 200000 वर्ग किमी से लेकर 238700 वर्ग किमी तक फैला हुआ है।

सम्पूर्ण रेगिस्तान के क्षेत्र को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है- 1- विशाल रेगिस्तान और

2- लघु रेगिस्तान। कच्छ के रण के पास उत्तर की ओर से लूनी नदी तक यह रेगिस्तान फैला हुआ है।

लघु रेगिस्तान लूनी नदी से शुरू होकर उत्तरी बंजर भूमि तक, जैसलमेर और जोधपुर के बीच तक

फैला हुआ है। कई स्थानों पर यहां चूने के विशाल भंडार है।

भारत का भौगोलिक विभाजन

भारत का प्राकृतिक विभाजन:-

4.- प्रायद्वीपीय पठार:-

धरती का हिस्सा जो तीन तरफ से समुद्र के द्वारा घिरा हुआ है प्रायद्वीप का पठार कहलाता है। सतपुड़ा

पर्वतमाला, अरावली पर्वतमाला, पश्चिमी घाट तथा पूर्वी घाट, विंध्याचल पर्वत, मालवा का पठार, दक्कन

का पठार, छोटा नागपुर का पठार भारत के प्रायद्वीप में आते हैं।

दक्कन का पठार एक विस्तृत पठार हैं| दक्कन का पठार का क्षेत्रफल लगभग 1900000 वर्ग किमी है|

दक्कन का पठार की औसत ऊंचाई लगभग 6 सदस्य मीटर है। नीलगिरी की पहाड़ियों से इस पठार का

दक्षिणी भाग बना हुआ है| पूर्वी और पश्चिमी घाट यहां मिलते हैं।

पूर्वी घाट प्रायद्वीप के एक ओर स्थित है|  पूर्वी घाट प्रायद्वीप की औसत ऊंचाई 610 मीटर के करीब हैं|

पश्चिमी घाट दूसरी तरफ है  इसकी ऊंचाई 915 मीटर से लेकर 1220 मीटर के लगभग है। यह ऊंचाई

कहीं-कहीं पर तो 2440 मीटर से भी ज्यादा हो जाती है।

अरब सागर और पश्चिमी घाट के बीच में एक संकरी पट्टी समुद्र तट की है| बंगाल की खाड़ी तथा पूर्वी

घाट के बीच एक चौड़ा तटीय क्षेत्र हैं।

Bharat ka Prakritik Vibhajan

5.- समुद्रतटीय मैदान:-

भारत के दो समुद्र तटीय मैदान हैं-  1- पूर्वी तटीय मैदान तथा 2- पश्चिम तटीय मैदान। कृष्णा नदी,

गोदावरी नदी तथा महानदी के डेल्टा पूर्वी तटीय मैदान में पाए जाते हैं। तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश

तथा उड़ीसा आदि राज्यों के तटीय मैदान भी इसी में आते हैं।

महाराष्ट्र, केरल, गोवा, कर्नाटक तथा गुजरात आदि राज्यों के तटीय मैदान, पश्चिम तटीय मैदान के

अंतर्गत आते हैं। सहयाद्री पश्चिमी घाट को ही कहा जाता है।

भारत का प्राकृतिक विभाजन:-

6.- द्वीप समूह:-

द्वीप जमीन का वह हिस्सा होता है जो सब ओर से समुद्र से घिरा हुआ होता है। भारत में मुख्य भूमि के

अतिरिक्त द्वीप समूह भी है। भारत के द्वीप समूह में लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप समूह- ये दोनों शामिल हैं।

कुल 35 द्वीप लक्षद्वीप समूह में शामिल है तथा इसका क्षेत्रफल लगभग 32 वर्ग किमी है। कुल मिलाकर 572

द्वीप अंडमान निकोबार द्वीप समूह में शामिल हैं। गुजरात राज्य के पास में दीव भी एक द्वीप है।

 

 

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