हिंदी व्याकरण

प्रत्यय की परिभाषा तथा उदाहरण

प्रत्यय की परिभाषा तथा उदाहरण
Written by Rakesh Kumar

प्रत्यय की परिभाषा तथा उदाहरण

 

प्रत्यय की परिभाषा तथा उदाहरण:- आज HINDIGKPDF के माध्यम से हम आपसे प्रत्यय की परिभाषा व उदाहरण के बारे में चर्चा करेंगे। प्रत्यय किसे कहते हैं, इसकी क्या परिभाषा है तथा इसके उदाहरणों के बारे में विस्तार से पढेंगे|

इस से पहली पोस्ट के माध्यम से हम आप को “उपसर्ग की परिभाषा तथा उदाहरण” के बारे में विस्तार से बता चुके हैं।

 

प्रत्यय की परिभाषा व उदाहरण:-

प्रत्यय वे शब्दांश होते हैं जो मूल शब्द के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं।

जैसे:-

तारण + हार =तारणहार

इतिहास + इक =ऐतिहासिक

समाज + इक =सामाजिक

अच्छाऊ + ई =अच्छाई

पालन + हार =पालनहार

 

प्रत्यय के भेद या प्रकार:-

प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं-

1.- कृत प्रत्यय

2.- तद्धित प्रत्यय

प्रत्यय की परिभाषा व प्रकार :-

1.- कृत प्रत्यय:- कृत प्रत्यय वे प्रत्यय होते हैं जो धातु क्रिया के अंत में जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, उन्हें कृत प्रत्यय कहते हैं| इन प्रत्यय से बनने वाले पदों को कृदंत के नाम से जाना जाता है।

कृत प्रत्यय के प्रकार:-

(1).कर्तृवाचक कृतप्रत्य

(2).कर्मवाचक कृतप्रत्यय

(3).करणवाचक कृतप्रत्यय

(4).भाववाचक कृतप्रत्यय

(5).क्रियावाचक कृतप्रत्यय

 

हिंदी भाषा में प्रत्यय की परिभाषा व प्रकार :-

(1). कर्तृवाचक कृतप्रत्यय:- वे कृतप्रत्यय जो कि क्रिया के अंत में जुड़कर कर्तावाचक शब्दों का निर्माण करते हैं, कर्तृवाचक कृतप्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे:-

हार – पालनहार, तारणहार, खेवनहार

वाला – दुकानवाला, पढ़नेवाला, लिखनेवाला, सब्जीवाला, कबाड़ीवाला, ठेलेवाला

अक्कड़ – घुमक्कड़, पियक्कड़, भुलक्कड़

अक – रक्षक, धावक,चालक, नाशक, पालक

ता –  ज्ञाता, वक्ता, श्रोता, दाता

(2). कर्मवाचक कृतप्रत्यय:- ये प्रत्यय होते हैं जो क्रिया के अंत में जुड़कर क्रमवाचक शब्दों का निर्माण करते हैं, कर्मवाच्य कृतप्रत्यय कहलाते हैं ।

जैसे:-

औना – बिछौना, खिलौना

ना – दाना, खाना, गाना

 

प्रत्यय की परिभाषा व उदाहरण

(3). करणवाचक कृतप्रत्यय:- वे कृतप्रत्यय जो क्रिया के अंत में जुड़कर करणवाचक कृतप्रत्यय का निर्माण करते हैं, करणवाचक कृतप्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे:-

नी – छलनी, कतरनी, लेखनी, फूंकनी

आ – मेला, झूला, ठेला

अन – ढक्कन, बेलन

(4). भाववाचक कृतप्रत्यय:- वे कृतप्रत्यय जो क्रिया के अंत में जुड़कर भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैं, भाववाचक कृतप्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे:-

आहट – बनावट, सजावट, रुकावट, थकावट, लिखावट,

आवट – मुस्कुराहट, गर्माहट, घबराहट, घबराहट, बिलबिलाहट

आई – लिखाई, पढ़ाई, चढ़ाई, लड़ाई, चतुराई

आवा – बुलावा, बुलावा, दिखावा, चढ़ावा

 

प्रत्यय की परिभाषा व प्रकार :-

(5). क्रियावाचक कृतप्रत्यय:- वे कृत प्रत्यय जो क्रिया के अंत में जुड़कर क्रिया वाचक शब्दों का निर्माण करते हैं, क्रियावाचक कृतप्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे:-

कर – आकर, जाकर, खाकर, लिखकर, पढ़कर, पीकर

ता – रोता, खाता, पीता, पढ़ता, लिखता, सोता, हंसता

या – खाया, पिया, आया, गया

2.- तद्धित प्रत्यय:- ये प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के अंत में जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं इसलिए इन्हें  तद्धित प्रत्यय कहते हैं और इन से बनने वाले पदों को तद्धितांत कहते हैं।

तद्धित प्रत्यय के प्रकार /भेद-

(1). कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय

(2). भाववाचक तद्धित प्रत्यय

(3). गुणवाचक तद्धित प्रत्यय

(4). संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय

(5). न्यूनतावाचक तद्धित प्रत्यय

(6). स्त्रीबोधक तद्धित प्रत्यय

 

प्रत्यय की परिभाषा, प्रकार व उदाहरण:-

(1). कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय:- संज्ञा, सर्वनाम, या विशेषण के अंत में जुड़कर कर्तावाचक शब्दों का निर्माण करने वाले प्रत्यय को  कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।

जैसे:-

वाला – दूधवाला, सब्जीवाला, फलवाला, घरवाला, मिठाईवाला, ठेलेवाला

हारा – लकड़हारा, पालनहारा, खेवणहारा, पनिहारा

ची – नकलची, खजान्ची, अफीमची

आर – कुम्हार, सुनार, लोहार, गंवार

इया – मुखिया, रसिया, दुखिया, सुखिया, बखिया

 

प्रत्यय की परिभाषा एवं उदाहरण

(2). भाववाचक तद्धित प्रत्यय:- संज्ञा सर्वनाम या विशेषण के अंत में जुड़कर भाववाचक संज्ञा का निर्माण करने वाले प्रत्यय, भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं ।

जैसे:-

ता – मानवता, मित्रता, सुंदरता, मधुरता, नीचता

त्व – व्यक्तित्व, अपनत्व, गुरुत्व, बंधुत्व, लघुत्व

पन – अपनापन, बचपन, लड़कपन, भोलापन, पागलपन

आई – भलाई, बुराई, अच्छाई, ऊंचाई, मिठाई

ई – बरसाती, सफेदी, खुशी, गर्मी, सर्दी, गुलामी

(3). गुणवाचक तद्धित प्रत्यय:- ये प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के अंत में जुड़कर गुणवाचक शब्दों का निर्माण करते हैं अत: इन्हें  गुणवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे:-

इन – नवीन, कुलीन, ग्रामीण, नमकीन, कालीन

मान – बुद्धिमान, शक्तिमान

आलु – दयालु, कृपालु, ईर्ष्यालु, श्रद्धालु

वान – दयावान, धनवान, बलवान

 

प्रत्यय की परिभाषा व उदाहरण:-

(4). संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय:- ये प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के अंत में जुड़कर संबंधवाचक शब्दों का निर्माण करते हैं अत: इन्हें  संबंध वाचक प्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे:-

इक – सार्वनामिक, साप्ताहिक, मासिक, मानसिक, सांसारिक, धार्मिक, वार्षिक, शारीरिक, सामाजिक, सामासिक, पारिवारिक, लाक्षणिक, बौद्धिक, प्राथमिक, भौगोलिक, लौकिक, माध्यमिक

(5). न्यूनतावाचक तद्धित प्रत्यय:- इन प्रत्ययों को संज्ञा सर्वनाम या विशेषण के अंत में जोड़कर न्यूनतावाचक शब्दों का निर्माण किया जाता हैं इसलिए इन्हें  न्यूनतावाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे:-

ई – टोकरी, हथौड़ी, मंडली, नाली

इया – खटिया, बिटिया, चुहिया, लुटिया

(6). स्त्रीबोधक तद्धित प्रत्यय:- ये प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के अंत में जुड़कर स्त्रीलिंग शब्दों का निर्माण करते हैं अत: इन्हें  स्त्री बोधक तद्धित प्रत्यय कहते हैं ।

जैसे:-

ई – बेटी, काकी, नानी, मामी, देवी

आनी – जेठानी, देवरानी, नौकरानी, सेठानी

आ – छात्रा, सुता, अनुजा, शिष्या

 

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