पद परिचय की परिभाषा तथा भेद
पद परिचय की परिभाषा तथा भेद:- आज इस पोस्ट के माध्यम हम आपसे पद परिचय की परिभाषा तथा भेद के बारे में चर्चा करेंगे। पद परिचय किसे कहते हैं, इसका क्या अर्थ एवं परिभाषा हैं तथा पद परिचय के कितने भेद हैं, इन सब विषयों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे|
इससे पहले कि पोस्ट के माध्यम से हम ” पदबंध की परिभाषा व भेद” के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
पद परिचय की परिभाषा व उदाहरण:-
पद परिचय का अर्थ:-
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है कि पद का परिचय। इसका अर्थ यह हुआ कि वाक्य में प्रयुक्त हुए पदों का अलग-अलग ढंग से वर्णन करना| वाक्य के बारे में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, लिंग, वचन, काल, कारक तथा विभक्ति आदि के बारे में विस्तार से बताना।
पद परिचय की परिभाषा:-
किसी वाक्य में प्रयुक्त हुए अनेक पदों के बारे में जैसे संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, विभक्ति,तथा अव्यय का अलग-अलग वर्णन करना ही पद परिचय कहलाता है।
हिंदी भाषा में किसी भी वाक्य में प्रयुक्त पदों का परिचय देते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है:-
1.- संज्ञा:– संज्ञा के सम्बन्ध में निम्न बातों स्पष्ट होना आवश्यक है, संज्ञा का प्रकार, उसका लिंग, वचन कौन-सा है?, काल, कारक, तथा उसका क्रिया से संबंध।
2.- सर्वनाम:- सर्वनाम का क्या प्रकार है, लिंग कौन-सा है?, वचन कौन-सा है?, कारक, क्रिया तथा क्रिया से संबंध।
पद परिचय परिभाषा भेद तथा उदाहरण
3.- विशेषण:- विशेषण का प्रकार तथा विशेषण का लिंग, वचन, क्रिया से संबंध।
4.- वाक्य में क्रिया का प्रकार, वाच्य, काल, पुरुष, लिंग तथा वचन कौन-सा है तथा उनका क्रिया से सम्बन्ध|
5.- क्रिया विशेषण:- वाक्य में क्रिया विशेषण का प्रकार, विशेष्य, विकार तथा संज्ञा से उसका संबंध।
6.- संबंधबोधक:- संबंधबोधक का प्रकार, वाक्य में यदि कोई विकार हो तो तथा संबंध|
7.- समुच्चयबोधक:- वाक्य में समुच्चयबोधक का प्रकार, शब्द, वाक्यांश, वाक्य अथवा अन्विति।
8.- विस्मयादिबोधक:- वाक्य में विस्मयादिबोधक का प्रकार और संबंध यदि कोई हो तो।
उपरोक्त के सम्बन्ध में कुछ उदाहरण देखतें हैं-
स्वतन्त्रता दिवस पर बच्चों ने अपनी पाठशाला में राष्ट्रीय झण्डा फहराया।
इस वाक्य में स्वतन्त्रता दिवस,संज्ञा है तथा यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है| यह एकवचन है तथा पुल्लिंग है|
पर – यहाँ अधिकरण कारक की विभक्ति है|
बच्चों ने – यहां पर कर्ता पुल्लिंग तथा बहुवचन, सर्वनाम, पुरुषवाचक, कर्ता कारक।
अपनी – निजवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग।
पाठशाला – यह संज्ञा हा तथा जातिवाचक संज्ञा है, एकवचन, स्त्रीलिंग।
में – अधिकरण कारक
राष्ट्रीय झण्डा – संज्ञा ,व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
फहराया – क्रिया सकर्मक रूप में है, पुल्लिंग तथा एकवचन है और सामान्य भूतकाल में है।
अक अन्य उदाहरण देखते हैं-
अंजली किताब पढ़ती है।
अंजली – अंजली संज्ञा है तथा व्यक्तिवाचक संज्ञा है, एकवचन, स्त्रीलिंग तथा कर्ता कारक।
किताब – संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, एकवचन तथा स्त्रीलिंग।
पढ़ती है – यह सकर्मक क्रिया है , एकवचन में है तथा , स्त्रीलिंग है|