दिन और रात कैसे बनते हैं
दिन और रात कैसे बनते हैं:- आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आप के साथ दिन
और रात कैसे बनते हैं, इस विषय के बारे में चर्चा करेंगे|
इससे पहले की पोस्ट में हम आप को “ स्पेन का ला पाल्मा ज्वालामुखी “ के बारे
में विस्तार से बता चुके हैं|
दिन और रात कैसे होते है:-
आम तौर पर तो हम यही जानते हैं कि जब आकाश में सूर्य चमक रहा होता है तब
दिन होता है और जब सूर्य छिप जाता है तब रात हो जाती है| इसका वैज्ञानिक कारण
कुछ और ही है जिसे समझना अति आवश्यक है| यह सब एक कुदरत की घटना
के कारण होता है| पर ऐसा क्यों होता है क्या आपने कभी इस बारे में विचार किया
है और अगर नहीं तो आइये जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
पृथ्वी पर दिन और रात कैसे बनते हैं:-
हमें यह बताया गया है कि हमारी पृथ्वी अपनी धुरी पर अर्थात अपने ही गीर्ध लगातार
धुमती रहती है| अपनी धुरी पर लगातार धुमते रहने को पृथ्वी कि दैनिक गति कहते हैं|
पृथ्वी अपने अक्ष पर अर्थात अपनी धूरी पर घूमती है तथा अपनी धूरी पर घूमती हुई सूर्य की
परिक्रमा भी करती है।
अपनी धूरी पर घूमने के कारण पृथ्वी का जो भाग सूर्य के सामने रहता है वहाँ पर दिन होता है
तथा जो भाग सूर्य के विपरीत होता है वहाँ रात होती है| इस प्रकार से यह प्रक्रिया हमेशा चलती
रहती है।
पृथ्वी अपने गीर्ध घुमती हुई सूर्य का चक्कर भी लगाती है| पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर पूरा करने
में 24 घंटे का समय लेती है|
दिन और रात क्यों होते हैं
जब पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है तो पृथ्वी का जो भाग सूर्य के सामने रहता है अर्थात पृथ्वी
के जिस भाग पर सूर्य की किरण पड़ती हैं उस हिस्से पर दिन तथा पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य
की किरणे नहीं पड़ती है उस हिस्से पर रात होती है| दिन और रात होने का मुख्य कारण यही
होता हैं|
आकाश में चमकते सूर्य तथा इसके प्रकाश से तो हम सभी बहुत अच्छी तरह से परिचित हैं।
सोर परिवार की पूरी ऊर्जा का श्रोत सूर्य ही है। उल्काएं, ग्रह, धूमकेतु और आकाशीय पिंड
सूर्य के चारों और चक्कर लगाते रहते हैं|
इसे हम सौर परिवार या सोलर सिस्टम कहते हैं| पृथ्वी भी इन्हीं ग्रहों में से एक है जो बाकी
ग्रहों की तरह से ही सूर्य की परिक्रमा करती है।
How Days and Night are Formed:-
यह ना केवल सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है बल्कि पृथ्वी अपनी धुरी पर भी लगातार
घूमती रहती है। पृथ्वी 365 दिन 6 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड का समय सूर्य के चारों
और एक चक्कर लगाने में लेती है|
इसी प्रकार से पृथ्वी को लगभग 24 घंटे अर्थात 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकंड का समय
अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करने में लगता है।
पृथ्वी का आकर लगभग गोलाकार है| जब यह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है तो उस समय,
गोल आकार की पृथ्वी का लगभग आधा भाग ही सूर्य के सामने रहता है तथा शेष भाग छाया
में रहता है | सामने वाले भाग पर सूर्य का प्रकाश पड़ता रहता है। इस प्रकाशमान भाग पर दिन होता है|
Din Aur Rat Kaise Bante hain
पृथ्वी का शेष बचा बाकी का भाग जो सूर्य के प्रकाश से वंचित रह जाता है और जो छायादार
भाग कहलाता है उस पर रात होती है | सूर्य के प्रकाश से वंचित होने के कारण ही उस छायादार
भाग पर रात होती है। पृथ्वी के गोलाकार होने के कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के उन हिस्सों
पर पड़ता है जो सूर्य की तरफ होते हैं और बाकी हिस्से अंधेरे में रह जाते है|
यही दिन व रात होने का कारण है| ऐसा हर रोज होता रहता है| कई जगह पृथ्वी पर ऐसी भी है,
जहां सूर्यास्त लगातार होता रहता है या कई महीनों तक सूर्य उदय ही रहता है। दिन और रात
होने के कारण अब आप अच्छी तरह से जान गए होंगे तथा हम आशा करते है कि दिन और
रात होने की ये जानकारी आपको पसंद आई होगी|
महत्त्वपूर्ण तथ्य
पृथ्वी की दैनिक गति के कारण दिन और रात बनते हैं|
21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन होता है तथा इस दिन पृथ्वी पर 15 से 16 घंटे तक सूर्य
की किरणें रहती हैं|
21 सितंबर से रात लंबी होना शुरू हो जाती हैं तथा यह प्रक्रिया 23 दिसंबर तक होती रहती है।
नॉर्वे में एक ऐसी जगह है जहां पर लगभग 6 महीने तक सूर्य डूबता नहीं हैं|
हर वर्ष 21 मार्च और 23 सितम्बर को दिन और रात बराबर होते हैं|
21 दिसम्बर वर्ष का सबसे छोटा दिन माना जाता है|