चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’
चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’:- आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आप से चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ के बारे में
|चर्चा करेंगे| चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ क्या है, यह कब आया था तथा इसके क्या परिणाम हुए, इन सब के बारे
में विस्तार से पढेंगे? इससे पहले की पोस्ट में हम आप को “चक्रवात व इसके प्रकार“ के बारे में विस्तार से बता चुके हैं|
भारतीय मौसम विभाग ने चक्रवात गुलाब के लिए रेड अलर्ट जारी किया था| दक्षिण ओडिशा और उत्तरी तटीय
आंध्र प्रदेश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था तथा देर शाम या रात में लैंडफॉल होने की सम्भावना जताई गई थी|
मौसम विभाग के विशेषज्ञ ने यह भी बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरा दबाव बनता जा रहा है तथा
डीप डिप्रेशन की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है|
आगे बढने से पहले हम आप को बताते है कि क्या है डीप डिप्रेशन?
हवा की गति जब 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच होती है तो यह लो डिप्रेशन कहलाता है तथा जब हवा
की गति 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच होती है तो इसे डीप डिप्रेशन कहते हैं। डीप डिप्रेशन के बाद
तेजी से हवा की गति बढ़ती है तो डीप डिप्रेशन, चक्रवाती तूफान में बदल जाता है।
मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर जो गहरा दबाव हुआ था वह शनिवार को चक्रवाती तूफान
गुलाब में बदल गया| इसके चलते उत्तरी आंध्र प्रदेश तथा उससे सटे दक्षिण ओडिशा के तटों के बारे में ‘ऑरेंज’
अलर्ट जारी कर दिया गया था| दक्षिणी ओडिशा के कुछ हिस्सों में पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई थी, जहां
चक्रवाती तूफान गुलाब से भारी तबाही मचने की संभावना थी|
साइक्लोन गुलाब
चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ सन्डे के दिन शाम को तटीय क्षेत्र में टकराने के साथ ही शुरू हुआ था , जिससे उत्तरी
तटीय आंध्र प्रदेश और इसके साथ लगते दक्षिण तटीय ओडिशा में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की शुरूआत
हो गई थी| हालांकि तेज लहरों की वजह से आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में 5 से 6 के बीच मछुआरे समुद्र में घीर गए थे|
गुलाब तूफ़ान के लैंडफॉल की प्रक्रिया रविवार शाम करीब छह बजे शुरू हुई| फिर क्लाउड बैंड आंध्र प्रदेश
में कलिंगपट्टनम और ओडिशा में गोपालपुर के बीच तटीय इलाके में प्रवेश कर गया| (आईएमडी) भारत
मौसम विज्ञान विभाग ने तूफ़ान की प्रक्रिया अगले दो से तीन घंटे तक जारी रहने की उम्मीद जताई थी|
एक अधिकारी ने कहा कि चक्रवात की हवा की गति तट से टकराने के दौरान लगभग 90 किमी प्रति
घंटे से भी अधिक थी| इस प्रक्रिया ने आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्टनम और ओडिशा के गोपालपुर के बीच के
भू-भाग को अपने प्रभाव में कर लिया था|
उन्होंने आगे बताया था कि तूफान लगभग आधी रात में आंध्र प्रदेश के उत्तर और ओडिशा के दक्षिण तटीय
इलाके कलिंगापट्टनम और गोपालपुर में लैंडफॉल करेगा, जिसकी प्रक्रिया शाम से ही शुरू हो जाएगी|
अधिकारी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के उत्तर और दक्षिण तटीय इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने के
आसार हैं| कुछ इलाकों में तेज बारिश होने की भी संभावना जताई गई है| दो दिन के लिए मछुआरों को
समुद्र में न जाने की सलाह दी गई|
चक्रवात के आने से पहले ओडिशा के गंजम और गजपति जिले में लगभग 35000 लोगों को निकाला गया था।
लोगों ने वहां के क्षेत्र से निकलने में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई थी क्योंकि वे अनुमान लगा रहे थे कि हवा
की गति और बारिश तुलनात्मक रूप से कम रहेगी।
गुलाब तूफान का प्रभाव
ओडिशा से ही एक विशेषज्ञ ने कहा था कि देर रात को लैंडफॉल के बाद चक्रवात मलकानगिरी और कोरापुट
जिलों की ओर बढ़ रहा था, जहां तेज हवा और बारिश के कारण नुकसान होने की सम्भावना है।
चक्रवाती तूफान गुलाब के प्रभाव के कारण आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में रविवार शाम से ही बारिश शुरू हो गई थी।
यहां तट के किनारे एक नाव तेज तूफान से टकरा गई। इसमें लगभग छह मछुआरे सवार थे। ये सभी मछुआरे
नाव के तेज लहर के टकराने से समुद्र में गिर गए। इनमें से दो की डूबने से मौत हो गई तथा तीन सुरक्षित तट
पर पहुंच गए और एक मछुआरा अब भी लापता बताया जा रहा है। मंडासा के तट पर यह हादसा हुआ था।
चक्रवाती तूफान ने रविवार को अपनी दस्तक दी थी जिसके चलते ओडिशा के गंजम जिले में एक व्यक्ति बह गया|
मौसम विभाग के विशेषज्ञ के अनुसार तूफान से पहले लगभग 75 किमी से 85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
से हवाएं चलीं और तटीय इलाकों में भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने इसके मद्देनजर पहले ही रेड अलर्ट
जारी कर दिया था।
श्री नवीन पटनायक, ओडिशा के मुख्यमंत्री ने चक्रवात गुलाब को लेकर तैयारियों की समीक्षा की| उन्होंने
कहा कि राज्य के लगभग 10 जिले तूफान से प्रभावित हो सकते हैं| रविवार शाम दक्षिण ओडिशा के तट
से चक्रवात के 75 किलोमीटर से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरने की संभावना है|
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि उन्होंने ओडिशा में चक्रवात गुलाब की स्थिति को लेकर
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की| उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा
से निपटने में हर प्रकार की मदद करने का आश्वासन दिया| तथा प्रधानमंत्री जी ने सभी लोगों के सुरक्षित
व सुखद भविष्य की कामना की|