क्रिया विशेषण की परिभाषा व भेद:-
आज हम hindigkpdf के माध्यम से आपसे ‘क्रिया विशेषण की परिभाषा व भेद’ के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे| पिछली पोस्ट में हमने आपसे सर्वनाम किसे कहते हैं के बारे में बताया था। क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रिया विशेषण कहतें हैं| क्रिया विशेषण शब्द एक अविकारी शब्द है। उन शब्दों को अविकारी शब्द कहा जाता है, जिनका रूप नहीं बदलता।”जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन, काल, कारक आदि के कारण नहीं बदलता है, वे अविकारी शब्द कहलाते हैं।” निम्नलिखित उदाहरण को देखतें हैं-
राधा धीरे-धीरे चलती है।
हिरण तेज दौड़ता है ।
मनु धीरे-धीरे चलती है।
घोड़ा तेज दौड़ता है।
उपरोक्त वाक्यों को पढ़ने के उपरांत पता चलता है, कि धीरे-धीरे, तेज, आदि ये सभी शब्द क्रिया की विशेषता बता रहे हैं।
इसी कारण ये सभी क्रिया विशेषण है।
क्रिया विशेषण के भेदों का वर्णन:-
क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रिया विशेषण कहतें हैं| अर्थात वे शब्द जो क्रिया की विशेषता बताते हैं उन्हें क्रिया विशेषण कहते हैं। क्रिया विशेषण को जानने से पूर्व हमें विकारी और अविकारी शब्दों के बारे में जानना बहुत जरूरी है| इससे हमें यह पता चल जाता है कि क्रिया विशेषण किस प्रकार की श्रेणी में आता है|
विकारी शब्द :– जिन शब्दों में लिंग, वचन और कारक के कारण विकार पैदा हो जाता है, उसे विकारी शब्द कहतें हैं|
अविकारी शब्द:– जिन शब्दों में लिंग, वचन और कारक के कारण विकार पैदा ना हो,उसे अविकारी शब्द कहतें हैं|क्रिया विशेषण अविकारी शब्द का एक भेद होता है क्योंकि क्रिया विशेषण शब्द किसी भी स्थिति में बदलता नहीं है|
क्रिया विशेषण के चार भेद होते हैं:-
- कालवाचक क्रिया विशेषण
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण
- परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
- स्थानवाचक क्रिया विशेषण
कालवाचक क्रिया विशेषण
- कालवाचक क्रिया विशेषण:- वे क्रिया विशेषण शब्द जिन से किसी क्रिया के होने के समय का बोध होता है, उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे:-
सीता परसों अपने गांव चली गई।
बहन अभी अभी बाजार से आई हैं।
मोहन दोपहर को खेलने निकल जाता है|
वह एक हफ्ते बाद विदेश जायेगा|
उपरोक्त वाक्यों में परसों,अभी-अभी, दोपहर, एक हफ्ते शब्द कालवाचक क्रिया विशेषण है। काल वाचक क्रियाविशेषण को पहचानने का सब से आसन तरीका यह है कि क्रिया के साथ कब सम्बन्धी प्रश्न पूछा जाये| जैसे ही इस प्रश्न का उत्तर मिलेगा कालवाचक क्रिया विशेषण के बारे में पता चल जायेगा|
रीतिवाचक क्रिया विशेषण
2.रीतिवाचक क्रिया विशेषण :- वे क्रिया विशेषण जिन शब्दों से किसी क्रिया के होने के तौर -तरीके या रीति का पता चलता है तो, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। अर्थात जो शब्द क्रिया के करने की विधि के बारे में बोध कराये उसे रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहतें है|
जैसे:-
मजेदार कहानी सुनकर सब बच्चे हंसते- हंसते लोटपोट हो गए।
कमला ने झूमते हुए नृत्य किया।
जीत फटाफट खाता है।
नेहा ध्यानपूर्वक पढ़ाई करती है।
देवरतन ध्यान से चलता है।
सुजाता हमेशा सच बोलती है।
उपरोक्त वाक्यों में हंसते- हंसते, झूमते, फटाफट, ध्यानपूर्वक, ध्यान से, हमेंशा आदि शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण हैं।
3.परिमाणवाचक क्रिया विशेषण:- वे क्रिया विशेषण जिन शब्दों से हमें क्रिया की परिमाण या मात्रा का पता चलता है तो, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
जैसे:-
दिल्ली पानीपत से बहुत दूर है।
एक-एक करके सभी बच्चों ने कविता गाई।
रिया ने खूब मस्ती की।
सफल होने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रयास करें।
अमित ने सुमित से अधिक काम किया।
उपरोक्त वाक्यों में बहुत, सभी, खूब, ज्यादा से ज्यादा, अधिक आदि शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण हैं।
स्थानवाचक क्रिया विशेषण
4.स्थानवाचक क्रिया विशेषण:-वे क्रिया विशेषण जिन शब्दों से हमें क्रियाओं के होने के स्थान का पता चलता है तो, उन्हें स्थान वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। अर्थात जो शब्द क्रिया के स्थान से सम्बन्धित विशेषता का बोथ कराते हैं उन्हें स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहतें हैं|
जैसे:-
सोनू बाहर खेल रहा है।
तोता पेड़ पर बैठा है।
कृष्ण मैदान में खेल रहा है।
कौआ घर की छत पर बैठा है।
बच्चों, कमरे के अंदर जाकर बैठो।
टीनू यहां मत खेलो।
उपरोक्त वाक्यों में बाहर, पेड़, मैदान, छत , अंदर, यहां, आदि शब्द स्थान वाचक क्रिया विशेषण है।
निष्कर्ष
संक्षेप मे हम कह सकते हैं कि क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रिया विशेषण कहतें हैं| परिभाषा के तौर पर हम ये कह सकतें हैं कि “वे शब्द जो क्रिया की विशेषता बताते हैं उन्हें क्रिया विशेषण कहते हैं।” जिन शब्दों में लिंग, वचन और कारक के कारण विकार पैदा हो जाता है, उसे विकारी शब्द कहतें हैं| जिन शब्दों में लिंग, वचन और कारक के कारण विकार पैदा ना हो,उसे अविकारी शब्द कहतें हैं क्रिया विशेषण अविकारी शब्द का एक भेद होता है क्योंकि क्रिया विशेषण शब्द किसी भी स्थिति में बदलता नहीं है|| क्रिया विशेषण के चार भेद होते हैं|