हिंदी व्याकरण

काल की परिभाषा व भेद

काल की परिभाषा व भेद
Written by Rakesh Kumar

काल की परिभाषा व भेद

आज हम   HINDIGKPDF के माध्यम से आपसे  काल की परिभाषा व भेद के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे| इस से पिछली पोस्ट में हमने आपसे  लिंग की परिभाषा व भेद के बारे में विस्तार से बात की थी।

काल की परिभाषा व भेद:-

हिंदी व्याकरण  की भाषा में काल का शाब्दिक अर्थ होता है समय| अर्थात् जिससे हमें किसी काम के करने या होने के समय का पता चले, काल कहलाता है।

जैसे :-

श्याम ने पुस्तक पढ़ी |

नेहा ने गाना गाया।

रामा बाजार गया।

सुदेश पुस्तक पढ़ रही है।

जानकी खाना बना रही है ।

मनीष विद्यालय जा रहा है।

अनीता बाजार जाएगी।

रजिया पुस्तक पढेगी।

उपरोक्त वाक्यों का अध्ययन करने से हमें ज्ञात हुआ कि कुछ क्रियाएं तो पहले ही समाप्त हो चुकी हैं, तथा कुछ चल रही हैं और कुछ क्रियाएं आने वाले समय में संपन्न होंगी।

इन सभी क्रियाओं से हमें उनके होने के समय के बारे में  पूरी  जानकारी मिल रही है। किसी क्रिया के संपन्न होने के समय को ही काल कहते हैं।

हिंदी में काल की परिभाषा व भेद:- “क्रिया के जिस रुप से हमें किसी काम के करने या होने के समय का पता चले, उसे काल कहते हैं।”

काल के भेद:-

हिंदी भाषा में काल के तीन भेद बताए गए हैं:-

1.- भूतकाल

2.- वर्तमान काल

3.- भविष्यत काल

1.- भूतकाल:-क्रिया के जिस रुप से हमें जब किसी काम के बीते हुए समय में पूरा होने का पता चलता हो तो  उसे भूतकाल कहते हैं।

जैसे:-

मुख्याध्यापक बच्चों को पढ़ा रहा था।

सभी बच्चे मैदान में खेल रहे  थे।

कीर्ति ने पुस्तक पढ़ी।

भूतकाल के छः भेद होते हैं:-

(1). सामान्य भूतकाल

(2). आसन्न भूतकाल

(3). पूर्ण भूतकाल

(4). अपूर्ण भूतकाल

(5). संदिग्ध भूतकाल

(6). हेतुहेतुमद् भूतकाल

 हिंदी में काल की परिभाषा व भेद

(1). सामान्य भूतकाल:- क्रिया के जिस रूप से काम के सामान्य रूप से बीते हुए समय में पूरा होने का पता चले, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं ।

जैसे:-

आज सुबह बहुत तेज हवा चली।

देवेन्द्र ने परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर खाना खाया।

मीनाक्षी ने कविता याद की।

(2). आसन्न भूतकाल:-क्रिया के जिस  रूप से किसी काम के कुछ ही समय पहले पूरा होने का पता चलता हो तो, उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं ।

जैसे:-

इरफ़ान अभी सोया है।

नानाजी बाजार से अभी आए हैं।

राजू अभी अपने घर गया है।

(3). पूर्ण भूतकाल:- क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के बहुत समय पहले पूरा हो जाने का पता चलता है, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं।

जैसे:-

गाँधी जी ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था।

देव ने गाना गाया था।

सन् 2011 में भारत ने क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था।

हरियाणा में पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 में लड़ी गई  थी।

काल की परिभाषा व प्रकार :-

(4). अपूर्ण भूतकाल:- जिस क्रिया  से किसी काम के भूतकाल में शुरू होने का तो पता चले, लेकिन वह अभी तक पूरा नहीं हुआ हो ,तो उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।

जैसे:-

लड़के सुंदर गाना गा रहे थे।

बारिश बहुत तेज हो रही थी।

परिवार के सभी सदस्य मेला देखने जा रहे थे।

(5). संदिग्ध भूतकाल:- क्रिया के जिस रूप से किसी काम के भूतकाल में पूरा होने के विषय में संदेह हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।

जैसे:–

सभी बच्चे अपने घर जा चुके होंगे।

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच चल रहा होगा।

वेद प्रकाश हवाई जहाज से दिल्ली जा चुका होगा।

 काल की परिभाषा व भेद या प्रकार

(6). हेतुहेतुमद् भूतकाल:- क्रिया के जिस रूप से किसी एक काम का होना या ना होना दूसरे काम के होने या ना होने पर निर्भर हो, तो उसे हेतुहेतुमद् भूतकाल कहते हैं।

जैसे:-

अगर तुम सही समय पर आते, तो ट्रेन मिल जाती।

राम ने अगर ठीक समय पर मेहनत की होती, तो पास हो गए होते।

यदि बस समय पर मिल गई होती, तो मैं घर जल्दी पहुंच गया होता।

2.- वर्तमान काल:- जिस क्रिया रूप से किसी काम के वर्तमान समय में होने का पता चले, तो उसे वर्तमान काल कहते हैं।

जैसे :-

अमीना खाना खाती है।

ललिता झाड़ू लगाती है।

सीनू सब्जी काटती है।

बच्चे पढ़ने के लिए विद्यालय जाते हैं।

वर्तमान काल के तीन भेद होते हैं:-

(1).सामान्य वर्तमान काल

(2).अपूर्ण वर्तमान काल

(3).संदिग्ध वर्तमान काल

(1).सामान्य वर्तमान काल:- जिस क्रिया रूप से किसी कार्य के वर्तमान समय में पूरा होने का बोध हो ,तो उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं।

जैसे:-

मनु पुस्तक पढ़ती है ।

रजिया गाना गाती है ।

देवेन्द्र बाजा बजाता है।

(2). अपूर्ण वर्तमान काल- क्रिया के जिस रूप से किसी काम के वर्तमान में शुरू होने का तो पता चले, लेकिन पूरा न होने का बोध हो ,तो उसे पूर्ण वर्तमान काल कहते हैं।

जैसे:-

अनीता खाना बना रही है।

रचना चाय बना रही है।

दीपांशी सब्जी बना रही है।

(3). संदिग्ध वर्तमान काल:- क्रिया के जिस  रूप से किसी कार्य  के वर्तमान समय में पूरा होने का संदेह हो, तो उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं ।

जैसे:-

जूही खाना खा रही होगी ।

फातमा पुस्तक पढ़ रही होगी।

मनु परीक्षा दे रही होगी।

काल की परिभाषा व भेदों का वर्णन

भविष्यत् काल:- क्रिया के जिस रूप से किसी काम के भविष्य में पूरा होने का पता चले, तो उसे भविष्यत् काल कहते हैं ।

जैसे-

मैं कल दिल्ली जाऊंगा ।

सज्जाद कल क्रिकेट खेलेगा।

सोनू कल लाहोर जाएगा।

भविष्यत् काल के दो भेद होते हैं:-

(1). सामान्य भविष्यत् काल

(2). संभाव्य भविष्यत् काल

(1). सामान्य भविष्यत् काल:- जिस क्रिया रूप से किसी काम के भविष्य में सामान्य रूप से होने का पता चले, तो उसे सामान्य भविष्यत् काल हैं ।

जैसे :-

नेहा पतंग उड़ाएगी।

समीना पुस्तक पढेगी।

नेहा बाजार जाएगी।

(2). संभाव्य भविष्यत काल:- क्रिया के जिस  रूप से किसी कार्य  के भविष्य में होने की संभावना का पता चलता हो, तो वह संभाव्य भविष्यत काल कहलता हैं ।

जैसे :-

शायद सोनू कल दिल्ली जाए।

जमीला परीक्षा में शायद पास हो जाए।

क्या पता काम बन ही जाये|

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